दिल्ली में शनिवार शाम को हुई बारिश के चलते ओल्ड राजेंद्र नगर के राउ IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर गया। जलभराव के कारण 3 स्टूडेंट की डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि शाम 7 बजे सूचना मिलने के बाद NDRF को बुलाया गया। देर रात को ही 3 स्टूडेंट के शव निकाले गए। वहीं, 14 छात्रों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
बेसमेंट में कुल कितने छात्र फंसे थे, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाम 7 बजे लाइब्रेरी बंद हो रही थी, उसी समय स्टूडेंट बाहर निकल रहे थे। इसी दौरान बहुत तेज प्रेशर से पानी अंदर आने लगा। लाइब्रेरी से निकलने का 1 ही गेट है। बेसमेंट से निकलने के लिए भी 1 ही सीढ़ी है।
चश्मदीद स्टूडेंट ने बताया कि जब तक हम लाइब्रेरी खाली करते, तब तक पानी घुटनों तक भर चुका था। बहाव इतना तेज था कि सीढ़ियां चढ़ना मुश्किल हो रहा था। महज 2-3 मिनट में ही पूरे बेसमेंट में 10-12 फीट पानी भर गया था। बच्चे बेंच पर खड़े हुए थे।
बच्चों को बचाने के लिए रस्सियां फेंकी गईं, लेकिन पानी गंदा था, इसलिए रस्सियां दिखाई नहीं दी। पुलिस ने बताया कि रेस्क्यू के दौरान पानी में बेंच तैर रही थी। इसलिए बच्चों को बाहर निकालने में दिक्कतें हुईं। अभी साफ नहीं हुआ है कि अचानक तेज प्रेशर से अंदर पानी कैसे आया। पुलिस जांच कर रही है।
सड़क पर भी पानी था, इसलिए बेसमेंट से पानी नहीं निकल रहा था
फायर ऑफिसर अतुल गर्ग ने बताया कि हमें शाम 7 बजे कोचिंग के बेसमेंट में पानी भरने की सूचना मिली। इस पर फायर ब्रिगेड की 5 गाड़ियां भेजी गईं। सड़क पर पानी भरे होने के कारण शुरुआत में बेसमेंट से पानी नहीं निकल रहा था। कुछ देर बाद पानी जब सड़क से पानी कम हुआ तो बेसमेंट से पानी निकला। हमने पंप लगाकर पानी निकाला। इसके बाद छात्रों के शव मिलना शुरू हुए।
प्रदर्शनकारी छात्र का दावा- 8-10 लोगों की जानें गईं
हादसे के बाद स्टूडेंट ने MCD के खिलाफ प्रदर्शन किया। सुबह एक प्रदर्शनकारी छात्र ने दावा किया कि 8-10 लोगों की जानें गई हैं। MCD इसे डिजास्टर बता रही है, लेकिन यह पूरी तरह से लापरवाही का मामला है। आधे घंटे की बारिश में ही घुटने तक पानी भर जाता है।
डिजास्टर उसे कहा जाता है, जो कभी-कभी होता है। मेरे मकान मालिक ने बताया कि वे 10-12 दिनों से MCD से कह रहे हैं कि ड्रेनेज सिस्टम तुरंत सही करना चाहिए। अन्य प्रदर्शनकारी छात्र ने बताया कि दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए और हादसे में घायल होने और जान गंवाने वालों की सही संख्या बताई जानी चाहिए।
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