खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने विधानसभा में कहा कि श्रमिक कार्ड का आवेदन निरस्त होने पर श्रमिक को फिर से ऑनलाइन आवेदन करने तथा अपील का अधिकार है। गोदारा ने कहा कि वर्तमान में श्रमिक द्वारा स्वयं के शपथ पत्र के आधार पर सत्यापन किया जाना विचाराधीन नहीं है। श्रमिक द्वारा ऑनलाइन आवेदन पर श्रम निरीक्षक द्वारा पंजीयन की कार्यवाही की जाती है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का श्रम मंत्री की ओर से जवाब दे रहे थे। उन्होंने जानकारी दी कि आवेदन निरस्त होने की स्थिति में श्रमिक द्वारा पुनः ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। श्रमिक को जिला श्रम कल्याण अधिकारी तथा सहायक श्रम आयुक्त अथवा उप श्रम आयुक्त के समक्ष अपील का भी अधिकार है।
इससे पहले विधायक डॉ. सुभाष गर्ग के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में खाद्य मंत्री ने बताया कि भरतपुर विधानसभा क्षेत्र में विगत पांच वर्षों में 3 हजार 565 श्रमिकों के पंजीयन किये गये तथा 181 आवेदन वर्तमान में लम्बित हैं। उन्होंने बताया कि लम्बित आवेदनों का निस्तारण विधानसभा क्षेत्रवार नहीं होकर भरतपुर जिले में कुल लम्बित आवेदनों में "पहले आए पहले जाए" के सिद्धान्त पर नियमित रूप से किया जा रहा हैं।
गोदारा ने बताया कि केन्द्र सरकार के भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक (नियोजन एवं सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 1996 में किये गये प्रावधानों में केवल निर्माण श्रमिकों अथवा निर्माण कार्य में नियोजित श्रमिकों का ही मण्डल में पंजीयन करने का प्रावधान है। अन्य श्रेणियों के श्रमिक भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याण मण्डल में पंजीयन के पात्र नहीं है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में निर्माण श्रमिकों का सर्वे करवाकर पंजीयन किये जाने का विचार नहीं है क्योंकि निर्माण श्रमिकों का पंजीयन ऑनलाइन किया जाता हैं।
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