नमस्कार, हम किसान मंत्रालय दिल्ली से बोल रहे हैं। आपका नंबर किसान निधि योजना के तहत सिलेक्ट हुआ है। आपको हर साल 6000 रुपए मिलेंगे।
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जोधपुर के किसान बालाराम (40) ने जैसे ही उस लिंक पर क्लिक किया, चंद मिनटों में खाते से करीब 90 हजार रुपए कट गए। बालाराम की तरह अकेले जोधपुर में पिछले 6 महीने में साइबर ठग 800 से ज्यादा ग्रामीण-किसानों को अपना निशाना बना चुके हैं।
राजस्थान के सैकड़ों गांवों के ग्रामीण अब साइबर ठगों का सॉफ्ट टारगेट बन गए हैं। ठग इतने शातिर हैं कि किसान सम्मान निधि जैसी सरकारी स्कीम, पेंसिल पैकिंग, लॉटरी खुलने के झांसे में लेकर ग्रामीणों को ठग रहे हैं।
आज संडे बिग स्टोरी में पढ़िए साइबर ठगों की नई चाल की पड़ताल...
शिकायतों से पुलिस भी देखकर हैरान
राजस्थान गृह विभाग के आंकड़ों के अनुसार 1 जनवरी 2021 से 31 दिसंबर 2023 के बीच प्रदेश में साइबर ठगी के कुल 4,567 मामले दर्ज हुए थे, जिनमें से जयपुर और जोधपुर के लोग सबसे ज्यादा ठगी का शिकार हुए। इनमें जयपुर में ठगी के 906 मामले और जोधपुर में 516 मामले दर्ज हुए थे।
लेकिन इससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि अकेले जोधपुर ग्रामीण में बीते छह माह (1 जनवरी 2024 से 30 जून तक) में साइबर ठगी की 837 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। यह ठगी एक करोड़ से ज्यादा की है। जिसमें साइबर सेल ने 20 लाख 31 हजार 576 रुपए पीड़ितों को रिफंड करवाए हैं। वहीं 6 माह में 41 लाख 68 हजार 659 रुपए होल्ड करवाए गए हैं।
जोधपुर ग्रामीण एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि यह आंकड़ा चौंकाने वाला है। शहरों में अवेयरनेस बढ़ने के बाद साइबर ठगों ने अब ग्रामीणों-किसानों को सॉफ्ट टारगेट बना लिया है। किसानों को साइबर ठग सरकारी स्कीम का लाभ दिलाने के नाम पर झांसे में ले रहे हैं। कई रिटायर्ड पुलिसकर्मी भी ठगी का शिकार हो चुके हैं।
अब आपको वो मामले बताते हैं जिनमें साइबर ठगों के नए-नए पैंतरे का खुलासा हुआ है…
1. किसान को बैंक मैनेजर बताकर झांसे में लिया
जोधपुर के खेड़ापा के किसान जितेंद्र गहलोत के पास 7 नवंबर 2023 की शाम एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को बैंक का मैनेजर सुनील चौधरी बताया। उसने कहा कि आपका खाता हमारे बैंक में है और अभी सर्वर डाउन है। किसी जरूरतमंद ग्राहक को पेमेंट करना है। इसलिए आपके खाते में 1 लाख रुपए डाल रहा हूं। आप उस जरूरतमंद के खाते में ये पैसा ट्रांसफर कर दो।
जितेंद्र गहलोत ने बताया कि उसकी बातों में आकर मैंने हां कर दी। थोड़ी ही देर में मेरे मोबाइल पर 1 लाख रुपए खाते में जमा होने का एक मैसेज आया। मुझे लगा मेरे खाते में 1 लाख रुपए आ गए हैं। मैंने बिना चेक किए ठग के बताए अकाउंट में 1 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। बाद में जब चेक किया तो पता चला कि मेरे खाते में कोई पैसा जमा ही नहीं हुआ था।
2. रिटायर पुलिसकर्मी भी झांसे में आया
शिवसागर जेठानिया गांव के खेताराम कुछ वर्ष पहले ही पुलिस विभाग से रिटायर हुए थे। पेंशन का पैसा खाते में ही था। ठगी के लिए साइबर ठग पुलिस विभाग का ही ऑफिसर बन गया। उसने खुद को पुलिस मुख्यालय का अधिकारी बताकर पेंशन के पैसों के लिए बैंक खातों की जानकारी ली।
बाद में फोन पर एक लिंक भेजकर सब्मिट करने को कहा। ठग ने झांसे में आए खेताराम के खाते से 64 हजार रुपए निकाल दिए। हालांकि इसका पता चलने पर खेताराम ने तुरंत साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाई। इसके आधार पर पुलिस ने 55 हजार 500 की राशि होल्ड करवा कर उनके खाते में वापस ट्रांसफर कार्रवाई।
3. घर बैठे सोशल मीडिया से कमाई का झांसा
जोधपुर के बड़ला बासनी के रहने वाले एक युवक को ठगों ने कॉल कर होर्डिंग कंपनी का प्रतिनिधि बताया। कहा वो घर बैठे जॉब दिलवाते हैं। सोशल मीडिया पर ई-होर्डिंग तैयार कर सकते हैं। उसे झांसे में लेकर ठगों ने खाते से 11 हजार 200 रुपए निकाल दिए। बाद में पीड़ित ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवाई। हालांकि जागरूकता की वजह से पुलिस ने जल्द पैसे उसके खाते में रिफंड करवा दिए।
4. गांव में पेंसिल पैकिंग का माइक्रो बिजनेस के नाम पर ठगा
इसी साल जनवरी में साइबर ठगों ने बिलाड़ा निवासी एक व्यक्ति को घर बैठे पैसे कमाने का झांसा दिया। ठगों ने कॉल कर बताया की वो पेंसिल पैकिंग का माइक्रो बिजनेस चलाकर हर महीने वह हजारों रुपए कमा सकता है। बातों में उलझा कर ठगों ने ओटीपी ले लिया और खाते से 14 हजार 600 रुपए निकाल दिए। पीड़ित व्यक्ति खेतों में मजदूरी करता था।
5. लॉटरी में रॉयल एनफील्ड और ट्रक की ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर ठगा
अप्रैल 2024 में साइबर ठगों ने ओसियां (मंडियाई) के युवक राजेंद्र को बताया कि उसके लकी ड्रा में बुलेट खुली है। जिसके कागजात बनवाने के लिए उसे पैसे देने होंगे। युवक को शिकार बनाकर ठगों ने 7700 रुपए ले लिए। वहीं खाबड़ा में एक ट्रक ड्राइवर को ऑनलाइन ट्रक बुकिंग के नाम पर शिकार बनाया और उससे 9 हजार 500 रुपए की ठगी कर ली गई।
6. किसान सम्मान निधि का मैसेज आया और उड़ गए एक लाख
1 जुलाई को नागौर के गणेश टेलर के पास किसान सम्मान निधि योजना का एक मैसेज में लिंक आया। उस लिंक को खोला तो उसमें मोबाइल नम्बर के आगे और पीछे के दो डिजिट दिखाई दे रहे थे और लॉगिन का ऑप्शन का आ रहा था। गणेश ने बताया कि लिंक पर उसने कोई लॉगिन नहीं किया इसके बावजूद ग्रामीण बैंक के खाते से तीन बार में साइबर ठगों ने 1 लाख 74 हजार 498 रुपए निकाल लिए।
7. किसान सम्मान निधि योजना के नाम पर ठगे 6.10 लाख
जयपुर के मीनावाला निवासी गोपाल सिंह के पास वॉट्सऐप पर 21 जुलाई 2022 को किसान सम्मान निधि योजना से जुड़ा एक मैसेज आया। कुछ ही देर में साइबर ठग ने पटवारी बनकर कॉल किया। बोला कि मैं आपके गांव से पटवारी बोल रहा हूं। आपको किसान निधि योजना से जोड़ना है। योजना से जोड़ने के लिए मैसेज में दिए लिंक पर क्लिक करवाया। कुछ देर बाद बैंक अकाउंट से 6.10 लाख रुपए निकाल लिए। बैंक अकाउंट से रुपए निकलने का मोबाइल पर मैसेज आने पर साइबर फ्रॉड का पता चला।
साइबर ठगों ने बदला ठगी का तरीका, एपीके लिंक से हैक कर लेते हैं मोबाइल
जोधपुर पुलिस के साइबर एक्सपर्ट दयाल सिंह चौहान ने बताया ओटीपी, पासवर्ड पूछने के तरीके पुराने हो चुके हैं। ठगों के भेजे .apk file पर क्लिक करने से एक गुप्त एप्लीकेशन आपके फोन में डाउनलोड हो जाती है। इस एप्लीकेशन के द्वारा आपका फोन साइबर ठग हैक कर लेते हैं। फिर मर्जी से आपके मोबाइल में मौजूद बैंक एप्लीकेशन एवं अन्य ऐप्लिकेशन का प्रयोग करके खातों से रुपए निकाल लेते हैं।
दयाल सिंह चौहान ने बताया कि आपके पास कोई भी अनजान लिंक आए तो उस पर न क्लिक करें और न शेयर करें। सावधानी ही साइबर फ्रॉड से बचाव है। साइबर ठगी का शिकार होने पर तत्काल 1930 पर कॉल करना चाहिए या फिर वेबसाइट http://cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करवानी चाहिए।
पूरे प्रदेश में साइबर ठगों की 2 लाख से ज्यादा नंबर करवाए ब्लॉक
राजस्थान पुलिस ने बढ़ते साइबर ठगी के मामलों को देखते हुए बीते 3 साल में ठगी में इस्तेमाल की जा रही 2 लाख 5 हजार 552 फर्जी सिमों को ब्लॉक कराया है। इसके साथ ही 2 लाख 17 हजार 504 आईएमईआई (मोबाइल हैंडसेट) को ब्लॉक कराया है। प्रदेश में बीते तीन साल में साइबर ठग 1 अरब 65 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर चुके हैं।
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