आंत या भोजन नली (आहार नली) में होने वाले ट्यूमर को निकालने के लिए ओपन सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ेगी। इन ट्यूमर को शरीर में बिना किसी चीरे और छेद किए बाहर निकाला जा सकेगा। इससे न केवल मरीज की रिकवरी जल्दी होगी, बल्की तकलीफ भी कम होगी।
जयपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में आयोजित इंडियन सोसायटी ऑफ गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी की नेशनल वर्कशॉप में आए डॉक्टरों ने इस नई तकनीक पर जानकारी दी। वर्कशॉप के आयोजक डॉ. अनुराग गोविल और एसडीएमएच के सचिव योगेंद्र दुर्लभजी ने बताया कि अब भोजन नली या बड़ी आंत में ट्यूमर होने पर उसे निकालने के लिए ओपन सर्जरी करने की जरूरत नहीं है। इसे एंडोस्कोपिक सबम्यूकोसल डिसेक्शन (एनईटी) तकनीक से बिना कोई चीरा लगाए निकाला जा सकता है।
इस वर्कशॉप के दौरान लाइव केस भी किया, जिसमें पुणे के डॉ. अमोल बपाये और हैदराबाद के डॉ. मोहन रामचंदानी ने ईएसडी प्रोसीजर किया। इसके अलावा वर्कशॉप में डॉ. मोहन रामचंदानी ने एनईटी के एंडोस्कोपिक प्रबंधन पर अपना सेशन दिया।
जन्म से कब्ज की बीमारी का इलाज संभव
वर्कशॉप में किए लाइव केस में एक्सपर्ट्स ने एक बच्चे की जन्म से हो रही कब्ज की समस्या को बिना सर्जरी के ही ट्रीट किया। डॉ. अनुराग गोविल ने बताया कि बच्चे को हर्शस्प्रिंग डिजीज नाम की समस्या थी। इस बीमारी में मरीज को लगातार कब्ज की समस्या रहती है जिसके कारण उन्हें कई समस्याएं होती हैं। इसके इलाज के लिए ' रेक्टल एंडोस्कोपिक मायोटॉमी' प्रोसीजर से बीमारी को ठीक किया जा सकता है।
डॉ. अनुराग ने बताया कि ईएसडी तकनीक से जटिल सर्जरी की आवश्यकता खत्म हो सकती है। इससे मिनिमल इनवेसिव प्रोसीजर कर शुरुआती स्टेज के कैंसर और ट्यूमर को एक टुकड़े में हटाया जा सकता है। इससे मरीज की जल्दी रिकवरी होती है और वह जल्दी अपनी दिनचर्या में लौट सकता है।
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