संसद के मानसून सत्र का मंगलवार (6 अगस्त) को 12वां दिन है। केन्द्र सरकार आज मौजूदा वक्फ एक्ट में करीब 40 संशोधन के लिए बिल ला सकती है। अभी वक्फ के पास किसी भी जमीन को अपनी संपत्ति घोषित करने की शक्ति है। नए बिल में इस पर रोक लगाई जा सकती है।
सत्र के 11वें दिन प्रश्नकाल में सहारा के निवेशकों के बकाया पैसों के मामले पर तीखी बहस हुई थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट हमें सुपरवाइज कर रहा है। हमारे ऊपर हाथ उठाने का कोई फायदा नहीं है।उन्होंने कहा था कि सरकार निर्णय नहीं कर सकती। कोई सदस्य बाहर जाकर यह न बोले कि सरकार पैसे नहीं दे रही है। सरकार हाथ जोड़कर बुला रही है कि लोग कागजात के साथ आएं। हम पैसा देने के लिए तैयार हैं।
वहीं, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ऑयल फील्ड (रेगुलेशन एण्ड डेवलपमेंट) एक्ट, 1948 में संशोधन करने के लिए बिल राज्यसभा में पेश किया था। संसद के मानसून सत्र का शुक्रवार (2 अगस्त) को दसवां दिन था। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में शकुनि, चौसर, चक्रव्यूह का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर कटाक्ष किया था।
इस दौरान शिवराज ने कहा- कांग्रेस के DNA में किसान विरोध है। कांग्रेस की प्राथमिकताएं प्रारंभ से ही गलत रहीं। जवाहरलाल नेहरू 17 साल देश के प्रधानमंत्री रहे। तब देश को अमेरिका से आया सड़ा हुआ लाल गेहूं खाने को विवश होना पड़ता था। इंदिरा गांधी के समय किसानों से जबरन लेवी वसूली का काम होता था।
इसके बाद शिवराज ने कहा- कांग्रेस को याद आए तो भी शकुनि याद आए। शकुनि, चौसर, चक्रव्यूह इन सारे शब्दों का संबंध अधर्म से है... जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी।
शिवराज का ये बयान राहुल गांधी के उस बयान पर आया, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार के बजट की तुलना महाभारत के चक्रव्यूह से की थी। राहुल ने कहा था कि महाभारत में अभिमन्यु के साथ जो किया गया, वह भारत के साथ किया जा रहा है।
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