सुप्रीम कोर्ट, आज को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) पर 2022 में दिए गए अपने फैसले के खिलाफ दायर रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई करेगी। इनमें ECIR (ED की तरफ से दर्ज FIR) की रिपोर्ट आरोपी को न देने के प्रावधान और खुद को निर्दोष साबित करने का जिम्मा आरोपी पर होने के प्रावधान का रिव्यू शामिल है।मामला जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस सीटी रविकुमार और जस्टिस उज्जल भुइयां की स्पेशल बेंच में दोपहर 2 बजे लिस्टेड है। मेन रिव्यू पिटीशन कांग्रेस सांसद कार्ति पी चिदंबरम ने दायर की है।
जस्टिस सीटी रविकुमार, 2022 में फैसला देने वाली बेंच में भी शामिल थे, हालांकि 25 अगस्त 2022 को नोटिस जारी होने के बाद रिव्यू पिटीशन पर आज पहली बार सुनवाई हो रही है। 24 अगस्त 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम काला धन और मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के समर्थन में हैं, लेकिन हमें लगता है कि कुछ मुद्दों पर फिर से विचार करने की जरूरत है।
PMLA एक्ट के दो नियम, जिन पर पुनर्विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट
तत्कालीन CJI एनवी रमन्ना, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने अगस्त 2022 में ओपन कोर्ट सुनवाई की थी। यानी इसमें मीडिया और आम लोगों को कार्यवाही देखने की परमिशन दी गई थी। चीफ जस्टिस रमन्ना ने कहा था- यह कानून बहुत अहम है। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ 2 पहलू को दोबारा विचार लायक मानते हैं, पहला ECIR आरोपी को न देना और खुद को निर्दोष साबित करने का जिम्मा होना।
एक और बेंच PMLA एक्ट पर सुनवाई कर रही
PMLA एक्ट के दो नियमों के रिव्यू को लेकर 2 साल बाद सुनवाई भले हो रही है, लेकिन जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की एक और बेंच में यह मामला पहुंचा है।
यह बेंच भी विजय मदनलाल चौधरी के मामले का रिव्यू करने और इसे बड़ी बेंच को सौंपने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। हालांकि उस बेंच में याचिकाएं सुनवाई के लिए लिस्टेड नहीं की गईं।
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