आठ साल पहले एक महिला के आंसू छलके तो स्वतंत्रता दिवस के दिन युवाओं की एक टीम ने शहीदों के नाम दीपक जलाना शुरू किया। राजस्थान के अलवर जिले से शुरू हुआ यह कार्यक्रम आज देश के कई राज्यों में आयोजित हो रहा है। सेना के बड़े अधिकारी, प्रशासनिक सेवाओं से जुड़े लोग और राजनेता ना सिर्फ इस कार्यक्रम के लिए अपील जारी करते हैं बल्कि जहां संभव होता है शामिल भी होते हैं। सभी का उद्देश्य एक ही कि जिन सैनिकों ने अपनी जान देश के लिए गंवा दी उन्हें याद किया जाए। उनकी याद में अगर सार्वजनिक स्थान पर ना जला सके तो अपने घर पर ही एक दीपक अवश्य जलाएं।
मुख्य आयोजन अलवर के शहीद स्मारक पर
राजस्थान में मुख्य समारोह अलवर के शहीद स्मारक पर होता है, जहां 11 हजार दीपक जलाए जाते हैं। छावनियों के हजारों सैनिक इसमें शामिल होकर कार्यक्रम को ताकत देते है। स्वतंत्रता उत्सव गौरव समिति के बैनर से चलने वाला यह कार्यक्रम 2016 में तिरंगे गुब्बारों से शुरू हुआ था। आयोजन समिति के अध्यक्ष गौरीशंकर विजय बताते हैं कि इस कार्यक्रम में एक महिला अपनी बेटी के साथ आई थी जो भावुक हो गई। कहने लगी मेरे पति फौज में हैं आज ही सूचना आई है कि पूंछ में आतंकी हमला हुआ है कोई भरोसा नहीं है हमारे पास कब कैसी सूचना आ जाए। इसी भावना के साथ ही इस समिति ने भी उस दिन तय किया कि आज से हर स्वतंत्रता दिवस पर शहीदों के नाम दीपक जलाने का कार्यक्रम किया जाएगा।
सांसद रहते बालकनाथ ने प्रधानमंत्री से किया था आग्रह
अलवर के सांसद रहते हुए महंत बालकनाथ ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि मेरे लोकसभा क्षेत्र में स्वतंत्रता दिवस के दिन शहीदों के नाम दीपक जलाने का कार्यक्रम होता है। समिति ने सुझाव दिया है कि यदि प्रधानमंत्री भी इस दिन लाल किले से हर घर दीपक जलाने का आग्रह कर दें तो यह अभियान हर आदमी का बन जाएगा।
अब तक ये जारी कर चुके हैं दीपक जलाने की अपील
हमारी नई पीढ़ी को स्वतंत्रता के महान योद्धाओं की कहानी को अपनी स्मृति पटल पर जीवित रखना जरूरी है। शहीदों के नाम दीपक जलाने के कार्यक्रम से न सिर्फ उनके परिवारों को बल मिलेगा बल्कि नई पीढ़ी की समझ भी बढ़ेगी।
ब्रिगेडियर सुखविंदर सिंह, इटाराणा छावनी, अलवर
आजादी की वर्षगांठ पर आपसे निवेदन है कि 15 अगस्त की शाम को जो जगह अच्छी मिले वहां पर भारत के सम्माननीय जवानों को सम्मान देते हुए और शहीदों की याद में एक दीपक जलाएं।
सुरेंद्र पाल सिंह, महाभारत के द्रोणाचार्य
इन शहरों में हो रहा आयोजित
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