बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ जल्द अपनी नई टीम का ऐलान कर सकते हैं। प्रदेश कार्यकारिणी से कुछ नेता आउट होंगे, उनकी जगह नए नेताओं को मौका मिलेगा। वहीं, मौजूदा पदाधिकारियों में से कई को प्रमोशन भी मिल सकता है।
राठौड़ अभी बीजेपी के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी की बनाई टीम के साथ ही काम कर रहे हैं। हालांकि मौजूदा हालात में मदन राठौड़ वर्तमान टीम में ज्यादा बदलाव नहीं करने वाले।
पार्टी सूत्रों की मानें तो राठौड़ की नई टीम विधानसभा उपचुनाव को ध्यान में रखते हुए जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों को साधते हुए बनेगी।
मौजूदा टीम से ये नेता हो सकते हैं बाहर
तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने अध्यक्ष बनने के बाद दो बार टीम में बदलाव किए थे। पहली बार विधानसभा चुनावों को देखते हुए उन्होंने 1 जुलाई 2023 को अपनी टीम का ऐलान किया था। वहीं दूसरी बार लोकसभा चुनावों से पहले 2 मार्च 2024 को उन्होंने अपनी टीम में बदलाव किया था।
अब मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ की पहली परीक्षा इस साल 6 सीटों पर होने वाले विधानसभा उप चुनाव होंगे। ऐसे में उनकी नई टीम में इन उप चुनावों की झलक भी साफ तौर पर देखी जाएगी।
मौजूदा टीम में से कई नेता बाहर भी होंगे। इनमें प्रदेश उपाध्यक्ष चुन्नीलाल गरासिया, सीआर चौधरी, मोतीलाल मीणा और नाहर सिंह जोधा बाहर हो सकते हैं। चुन्नीलाल गरासिया को पार्टी ने राज्यसभा भेजा है। वहीं, सीआर चौधरी को प्रदेश सरकार ने किसान आयोग का अध्यक्ष बना दिया है। ऐसे में इन दोनों नेताओं की जगह नए चेहरों को मौका मिलना तय माना जा रहा है।
प्रदेश महामंत्रियों में दामोदर अग्रवाल और ओमप्रकाश भड़ाना बाहर हो सकते हैं। दामोदर अग्रवाल भीलवाड़ा से सांसद बने हैं। वहीं ओमप्रकाश भड़ाना को देवनारायण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया जा चुका है।
राजस्थान बीजेपी में 13 प्रदेश मंत्रियों में से भी अधिकतर नेताओं की संगठन के पदों से छुट्टी होना तय है। वैसे भी प्रदेश कार्यकारिणी में अधिकतम 5 से 6 प्रदेश मंत्री ही बनाए जाते हैं। लेकिन सीपी जोशी ने चुनावों के मद्देनजर ज्यादा प्रदेश मंत्री बनाए थे। प्रदेश बीजेपी की टीम में वर्तमान में 10 उपाध्यक्ष, 05 महामंत्री, 13 प्रदेश मंत्री, एक कोषाध्यक्ष और सह कोषाध्यक्ष हैं।
नई टीम में इन नेताओं को मिल सकता है प्रमोशन
1. ज्योति मिर्धा : मदन राठौड़ की नई टीम में कई नेताओं को प्रमोशन के साथ शामिल किया जा सकता है। नागौर की खींवसर सीट पर उपचुनाव को देखते हुए मौजूदा प्रदेश उपाध्यक्ष ज्योति मिर्धा को प्रमोशन देकर प्रदेश महामंत्री बनाया जा सकता है।
2. मुकेश दाधीच : मौजूदा प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच को भी प्रदेश महामंत्री बनाया जा सकता है। दाधीच ब्राह्मण समुदाय से हैं। सीपी जोशी को अध्यक्ष पद से हटाने के बाद दाधीच को प्रमोशन देकर पार्टी मैसेज देना चाहेगी। दाधीच के प्रमोशन के पीछे दो बातें उन्हें मजबूत बनाती हैं। पहला उन्हें संगठन का भी लंबा अनुभव है। दूसरा उन्हें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का भी करीबी माना जाता है।
जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण पर विशेष फोकस
प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ की टीम में जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण का विशेष ख्याल रखा जाएगा। मौजूदा समय में बीजेपी ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग पर फोकस कर सकती है। क्योंकि जिन 6 सीटों पर उप चुनाव होने है। वहां इन वर्गों के मतदाता सबसे ज्यादा हैं।
विशेषकर राठौड़ की नई टीम में जाट, गुर्जर समुदाय से नए चेहरे जरूर शामिल होंगे। खींवसर और झुंझुनूं सीट पर जाट समुदाय को निर्णायक माना जाता है। इसी तरह से देवली-उनियारा और दौसा में गुर्जर और मीणा वोट बैंक निर्णायक हैं। ऐसे में इन समुदाय से भी नए चेहरे टीम में दिखेंगे।
वहीं चौरासी और सलूंबर उप चुनावों को देखते हुए मदन राठौड़ की टीम में आदिवासी चेहरों को जगह मिलना भी तय माना जा रहा है। सलूंबर सीट बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा की गुरुवार को हुए निधन के बाद खाली हुई है।
जिला अध्यक्ष और मोर्चा में भी होगा बदलाव
बीजेपी में संगठनात्मक दृष्टि से 44 जिले और 7 मोर्चे हैं। प्रदेश की टीम के गठन के बाद इन जिलों में जिलाध्यक्ष भी बदले जा सकते हैं। वहीं मोर्चा अध्यक्षों की भी नियुक्ति नए सिरे से होगी। लेकिन माना जा रहा है कि इस स्तर पर बदलाव में अभी समय लगेगा।
विधानसभा उपचुनावों के बाद ही मदन राठौड़ इस स्तर पर परिवर्तन करेंगे। जिलों में परिवर्तन मुख्यत निकाय और पंचायत चुनावों को ध्यान में रखकर किया जाएगा। ऐसे में फिलहाल यहां परिवर्तन की गुंजाइश कम है।
हालांकि, कुछ प्रकोष्ठों में प्रदेश की टीम के साथ परिवर्तन किया जा सकता हैं। इनमें मुख्यत: बीजेपी के मीडिया प्रकोष्ठ, सोशल मीडिया और आईटी विभाग में संयोजक और सह संयोजक की नियुक्ति की जा सकती है।
सभी गुटों में संतुलन बनाने की भी होगी कोशिश
प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के सामने बड़ी चुनौती सभी गुटों को साधने की होगी। उनके पदभार ग्रहण कार्यक्रम में वसुंधरा राजे ने जिस तरह से भाषण दिया था। उससे साफ हो गया था कि अभी भी बीजेपी कई गुटों में बंटी है।
ऐसे में राठौड़ की टीम में सभी गुटों का संतुलन भी दिखाई देगा। जिससे कि वे आसानी से सभी को साथ लेकर चल सकें। वहीं पार्टी एकजुट रहे। इसके अलावा विधानसभा और लोकसभा चुनावों में टिकट नहीं मिलने से असंतुष्ट नेताओं को भी संगठन में जगह देकर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश रहेगी।
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