जल जीवन मिशन (जेजेएम) में हुए घोटाले को लेकर गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दूसरी चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी है। इस बार कुल चार आरोपियों जलदाय विभाग के ठेकेदार पदमचंद जैन, महेश मित्तल, प्रॉपर्टी कारोबारी संजय बड़ाया और स्टेनोग्राफर मुकेश पाठक के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई है। इसमें आरोपियों के खातों में 500 करोड़ रुपए का लेनदेन पीएचईडी के साथ मिले हैं। साथ ही सामने आया कि पदमचंद जैन और महेश मित्तल ने 5.40 करोड़ रुपए की रिश्वत तत्कालीन मंत्री महेश जोशी के करीबी को दी थी। इससे पहले ईडी 24 अप्रैल को पदमचंद जैन के बेटे में पीयूष जैन के खिलाफ पहली चार्जशीट पेश कर चुकी हैं। जो पहले से जेल में है।
अब पेश की गई चार्जशीट में कहा गया है कि पदमचंद जैन, महेश मित्तल और पीयूष जैन टेंडर हासिल करने, बिल मंजूर करवाने के लिए लोक स्वास्थ्य और इंजीनियरिंग (पीएचईडी) के अधिकारियों को रिश्वत देते थे। आरोपी हरियाणा से चोरी का माल खरीदने में भी शामिल थे। टेंडर हासिल करने के लिए उनका इस्तेमाल कर रहे थे।
आरोपियों के खाते में 500 करोड़ रुपए जमा किए गए
जांच में सामने आया कि चारों आरोपियों से संबंधित फर्मों के बैंक खातों में लगभग 500 करोड़ रुपए पीएचईडी द्वारा जमा किए गए थे। इसलिए उन्हें जो भी पैसा मिला वह पीएमएलए अधिनियम के तहत अपराध से कमाया पैसा है। आरोपी मुकेश पाठक (IRCON) में स्टेनोग्राफर था। उसने महेश मित्तल और पदम जैन की फर्म के लिए फर्जी प्रमाण पत्र बनाए थे।
संजय बड़ाया की भूमिका पर ईडी ने कहा है कि बड़ाया निजी ठेकेदारों से 2.5 से 3 प्रतिशत चार्ज कर रहा था। चार्जशीट में कहा गया- वह तत्कालीन पीएचईडी मंत्री का करीबी विश्वासपात्र था और पीएचईडी में टेंडर पाने के लिए कंपनियों की सुविधा के लिए 2.5% से 3% रुपए ले रहा था। बड़ाया ने आरोपी ठेकेदारों महेश मित्तल और पदमचंद जैन से लगभग 5.4 करोड़ रुपए की रिश्वत ली थी।
ईडी ने आज चार्जशीट पदम चंद जैन, महेश मित्तल, संजय बड़ाया और मुकेश पाठक के खिलाफ पेश की हैं। जानकारी में सामने आया है कि आरोप पत्र इस से पहले 24 अप्रैल को ईडी ने ठेकेदार पदम चंद जैन के बेटे पीयूष जैन के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की थी।
जो पहले से ही इस मामले में गिरफ्तार और जेल में है। ईडी ने 8 अगस्त, 2023 को एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के बाद जांच शुरू की थी।
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