Download App Now Register Now

आपदा विभाग की रिपोर्ट बिजली गिरने से 6 साल में 476 मौत बचाव के लिए 8 विभागों ने बनाया एक्शन प्लान, अलर्ट जारी करेंगे

प्रदेश में बिजली गिरने से पिछले 6 साल में 476 लोगों की जान गई है। आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा 147 मौत 2021 में हुई थी। 2023 में 35 लोगों की जान गई। प्रदेश में सबसे ज्यादा घटनाएं जयपुर में हुई हैं। राजधानी में 2018 से 2023 तक 30 मौतें हुईं। 2021 में 26 लोग बिजली गिरने से मरे थे।

बिजली गिरने से मौतों की घटनाओं को रोकने के लिए विभाग ने अन्य 10 विभागों के साथ मिलकर लाइटिंग एंड थंडरस्ट्रॉम एक्शन प्लान तैयार किया है। इसमें बिजली गिरने से पहले ही अलर्ट जारी करने से लेकर जागरूकता अभियान तक शामिल हैं। मौसम विभाग प्रभावी अर्ली वार्निंग सिस्टम स्थापित करेगा।

मार्च-जून के बीच ज्यादा घटनाएं

रिपोर्ट के अनुसार थंडरस्टार्म और लाइटनिंग की घटनाएं मार्च से जून माह के बीच होती हैं। इस दौरान जब भारी बारिश हो और हवा की स्पीड 29 से 74 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार हो तो आसमान में मेघगर्जन के साथ बादलों के टकराने से बिजली गिरने की घटनाएं होती हैं। आपदा विभाग का कहना है कि इस एक्शन प्लान को बनाने का कारण मौत की घटनाओं को रोकना और आर्थिक व संपत्तियों को नुकसान से बचाना है।

जागरूकता से लेकर मैसेज जारी करने तक का जिम्मा

  • जिला कलेक्ट्रेट : मानसून के दौरान जिला स्तर पर संबंधित अधिकारियों से मीटिंग कर समीक्षा करेगा।
  • आपदा प्रबंधन : तहसीलदार से लेकर कलेक्टर तक अलर्ट मैसेज भेजने के साथ मॉनिटरिंग। मानसून के साथ ही तैयारी।
  • मौसम विभाग : बिजली गिरने की संभावना का अलर्ट जारी करना।
  • चिकित्सा विभाग : पीएचसी से लेकर मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में इमरजेंसी वार्ड बनाना, दवाओं व डॉक्टरों की तैनाती, रिपोर्ट के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति, मौत के कारणों का पता कर प्रमाण पत्र जारी करना।
  • उच्च शिक्षा विभाग : छात्र-छात्राओं को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण देना। इमरजेंसी के दौरान एनसीसी, एनएसएस एवं स्काउट के छात्रों का सहयोग लेना।
  • सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग : रियल टाइम पर हर तरह की सूचनाओं की जानकारी भेजने की जिम्मेदारी रहेगी।
  • अग्निशमन विभाग : समय-समय पर प्रमुख जगह की मॉनिटरिंग कर एनओसी जारी करना। खामियों पर नोटिस देना।

मानसून 4 दिन से सुस्त, बारिश का आंकड़ा औसत से 8% कम

प्रदेश में मानसून अगले 24 घंटे में फिर एक्टिव होने के आसार हैं। इस दौरान अगले एक हफ्ते पूर्वी राजस्थान में सामान्य से ज्यादा बारिश का अनुमान है। बीते चार दिन से कमजोर मानसून का असर बारिश के आंकड़ों पर भी पड़ा है। जल संसाधन विभाग के अनुसार अब आैसत 165.05 मिमी के मुकाबले 152 मिमी बारिश हुई है, जा सामान्य से 7.91% कम है।

15 जुलाई तक 20% ज्यादा बारिश थी

  • राजधानी में प्री-मानसून कमजोर रहने से औसत से कम बारिश हुई थी।
  • 15 जून तक 20.96 मिमी के मुकाबले केवल 3.3 मिमी यानी 84.04% कम पानी बरसा था।
  • 30 जून तक आंकड़ा 62.87 मिमी के मुकाबले 26.67 मिमी था।
  • मानसून की एंट्री 27 जून को हुई थी और बारिश का दौर 3 जुलाई से शुरू हुआ था।
  • 14 जून से मानसून कमजोर हुआ। इससे पहले 10 दिन जोरदार बारिश हुई।
  • 15 जुलाई तक 123.75 मिमी के मुकाबले 149 मिमी बारिश है, जो औसत से 20% ज्यादा थी।

Written By

DESK HP NEWS

Hp News

Related News

All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.

BREAKING NEWS
मंडावा-मुकुंदगढ़ दौरे में मुख्यमंत्री ने की जनसभाएं, ढिगाल टोल प्लाजा पर हुआ भव्य स्वागत, जिलेभर में 11 कार्यक्रमों में की शिरकत | अखिलेश यादव का सामाजिक न्याय पर फोकस: आगरा से 2027 की चुनावी रणनीति का आगाज़ | अमेरिकी उपराष्ट्रपति की सुरक्षा में लगेंगे 7-IPS समेत 2400 जवान:जयपुर के हॉस्पिटल में हर ब्लड ग्रुप के 5 यूनिट रिजर्व, मिलने वालों का कोरोना टेस्ट होगा | Rajasthan: "आपसे दोबारा कैसे बात होगी बाबा", क‍िरोड़ी लाल मीणा ने मह‍िला के हाथ पर ल‍िख द‍िया अपना मोबाइल नंबर | Rajasthan: पत्नी की डेड बॉडी को कंधे पर डालकर अस्पताल में घूमता रहा शख्स, पोछा लगाते समय लगा था करंट | Rajasthan: जोधपुर में 7 दिन बाद पाइपलाइन लीकेज हुआ बंद, अब सेना के जवान निकालेंगे खेतों में बहा लाखों लीटर पानी | सोनिया, राहुल और लालू ज़मानत पर बाहर हैं, इनका राजनीतिक शुद्धीकरण करना ज़रूरी है- मदन राठौड़ | Alwar News: झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से प्रेग्नेंट महिला का हुआ गर्भपात,शिकायत करने पर पति को लाठियों से पीटा | राजस्थान में पेंशनधारियों की बिजली खपत पर होगी नजर, 48 हजार से ज्यादा बिल वालों की पेंशन हो सकती है बंद | Rajasthan: 'मैं डिप्टी CM का बेटा बोल रहा हूं, सस्पेंड करवा दूंगा' CI के पास आया कॉल, पुलिस ने नंबर खंगाला तो यह पता चला |