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सीवर लाइन की सफाई कर रहे रोबोट 30 फीट गहराई तक कर रहे काम, मेंटेनेंस और ऑपरेट करने पर खर्च हो रहे हैं सालाना 36 लाख रुपए

शहर में अब सीवर लाइन की सफाई करते हुए न तो किसी कर्मचारी को जान गंवानी पड़ रही है और न ही कोई बेहोश हो रहा है। कारण कि शहर में सीवर लाइन की सफाई रोबोट कर रहे हैं। स्वच्छता अभियान के तहत इस काम में तीन रोबोट लगे हैं। हर दिन एक रोबोट 8-9 मैनहोल साफ करता है। केरल की जैन रोबोटिक इनोवेशन कंपनी ने स्टार्टअप के जरिए ये रोबोट बनाए हैं। इनका नाम दिया है बैनीकुट।

इन तीनों रोबोट में से एक ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में और दो हेरिटेज निगम क्षेत्र में मैनहोल की सफाई करता है। इनके मेंटेनेंस और ऑपरेटर करने के लिए शहरी सरकार कंपनी को प्रति रोबोट एक लाख रुपए महीने के हिसाब से खर्चा देती है। इस तरह से इन तीन रोबोट से सालाना 36 लाख रुपए में सफाई कराई जा रही है।

कंपनी को नगर निगम ने तीन साल के लिए इसका टेंडर दिया है। तीन साल में कंपनी को 1.08 करोड़ काम करने के दिए जाएंगे। दोनों निगम ने प्रति रोबोट 39 लाख रु. का खरीदा है। यानी 1.17 करोड़ के तीन रोबोट खरीदे गए हैं। प्रदेशभर में कंपनी के 49 रोबोट मैनहोल की सफाई कर रहे है। देशभर में 11 से अधिक राज्यों में रोबोट काम कर रहे हैं।

रोबोट ऐसे करता है काम

  • रोबोट का बटन दबते ही इसकी कार्बन फाइवर पाइप मैनहोल के अंदर चली गई।
  • पाइप के आगे लगा बाल्टीनुमा हाथ ने मैनहोल से कचरा उठाया और उसे बाहर फेंक दिया। इस हाथ ने पत्थर भी बाहर निकाले।
  • मैनहोल को साफ करने के बाद रोबोट ने उसकी 30 फीट तक अंदर की पाइपों को भी चेक किया, जहां से कचरा निकाला।

तीनों रोबोट कर रहे हैं 1 माह में 702 मैनहोल की सफाई

कंपनी के सीनियर साइट इंजीनियर नवीन दहरान ने बताया कि एक रोबोट एक दिन में 9 मैनहोल साफ कर रहा है। इस तरह तीनों मिलकर एक महीने में 702 होल की सफाई कर रहे हैं, जहां से भी शिकायत आती है, वहां ऑपरेटर इसे ले जाकर सफाई कराता है। हमने इसके लिए तीन लोगों को ट्रेनिंग दी है। ये ही मशीन ऑपरेट करते हैं। तीन साल का मेंटेनेंस और ऑपरेशन कंपनी के पास ही है।

यह रोबोटिक मशीन एयर प्रेशर पर काम करती है। मैनहोल में पानी होता है, इस वजह से पहले यह एयर प्रेशर करती है। इससे किसी इंसान को अंदर उतरने की जरूरत ही नहीं होती। मशीन को ट्रेनिंग दिया हुआ टेक्नीशियन ही अंदर उतारता है। इसमें लगे चार पैर मैनहोल को डेमेज होने से बचाते हैं। 30 फीट गहराई तक सफाई करता है बैनीकुट रोबोट।

रोबोट से पूर्व मैनहोल में उतरकर सफाई करने वाले सीवरमैन की उम्र 40 साल तक की ही रह जाती थी, क्योंकि सीवर के अंदर की गैस और गंदे पानी के चलते उन्हें कई बीमारियां जकड़ लती थीं। अब रोबोट के सफाई करने से किसी भी कर्मचारी को मैनहोल में उतरने की जरूरत नहीं पड़ी। 20 से 30 मिनट में मैनहोल साफ हो जाता है।

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