श्रीनगर: शुक्रवार की सुबह, कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा में अपनी यात्रा शुरू करने के लिए तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था पंथा चौक बेस कैंप से रवाना हुआ. तीर्थयात्री पवित्र स्थल के लिए रवाना हुए. जहां वे अपनी आस्था से जुड़ेंगे और आशीर्वाद लेंगे.
श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड अमरनाथ यात्रा का आयोजन करता है, जिसे दो मार्गों में विभाजित किया जाता है: एक पहलगाम के माध्यम से और दूसरा बालटाल के माध्यम से. बालटाल जम्मू और कश्मीर के गंदेरबल जिले में तीर्थयात्रियों के लिए शिविर स्थल के रूप में कार्य करता है. पवित्र तीर्थस्थल पर आने वाले लगभग सभी तीर्थयात्रियों ने कहा कि वे यात्रा के लिए प्रदान की गई सेवाओं से संतुष्ट हैं.
पहली बार पवित्र तीर्थस्थल पर आए एक तीर्थयात्री ने कहा कि मैं यात्रा का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूं. मैं लंबे समय से इसकी योजना बना रहा था और इस साल मैं यात्रा करने में सक्षम हूं. सेवाएं बहुत अच्छी हैं और मैं इस समय यहां आकर खुश हूं.
एक अधिकारी ने बताया कि 22वें दिन 4821 यात्री 150 वाहनों में जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से कश्मीर घाटी में पहलगाम और बालटाल आधार शिविरों में पहुंचे. पुलिस और सुरक्षा बलों की निगरानी में अमरनाथ पवित्र गुफा में पूजा-अर्चना की.
अधिकारियों के अनुसार 29 जून को अमरनाथ यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 3.50 लाख से अधिक यात्री पवित्र गुफा में दर्शन कर चुके हैं. शुक्रवार की सुबह जम्मू से घाटी की ओर रवाना हुए यात्रियों में 3259 पुरुष, 1482 महिलाएं, 08 बच्चे, 63 साधु और 09 साध्वियां शामिल हैं.
इनमें 1731 तीर्थयात्री बालटाल मार्ग से और 3090 तीर्थयात्री पहलगाम मार्ग से क्रमशः 54 और 96 वाहनों में सवार होकर गए.
मौसम संबंधी सलाह: मौसम विभाग ने अमरनाथ गुफा मंदिर के हिमालय क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश/गरज के साथ छींटे पड़ने की भविष्यवाणी की है. अमरनाथ गुफा समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित है और यहां केवल पैदल या टट्टू से ही पहुंचा जा सकता है. हिमालय की गहराई में स्थित इस गुफा मंदिर तक अनंतनाग-पहलगाम मार्ग और गंदेरबल-सोनमर्ग-बालटाल मार्ग से पहुंचा जा सकता है. दूसरा है पहलगाम मार्ग, जो गुफा से लगभग 36-48 किलोमीटर दूर है और इसे तय करने में 3-5 दिन लगते हैं. हालांकि यह एक लंबी यात्रा है, लेकिन यह थोड़ी आसान और कम खड़ी है.
इस साल अमरनाथ यात्रा जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि के बीच हो रही है. सोमवार, 15 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के भट्टा इलाके में देर रात सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच एक संक्षिप्त गोलीबारी हुई. देसा वन क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में चार जवान शहीद हो गए.
पुलिस ने गुरुवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के कास्तीगढ़ इलाके में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच एक और मुठभेड़ हुई. जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना उन इलाकों में आतंकवादियों की तलाश के लिए मिलकर काम कर रही है. इस साल यात्रा 29 जून को शुरू हुई और 19 अगस्त को समाप्त होगी, जो 52 दिनों तक चलेगी. भगवान शिव के भक्त कश्मीर हिमालय में स्थित पवित्र गुफा की कठिन वार्षिक तीर्थयात्रा करते हैं.
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