यूपी में कांवड़ रास्तों पर पड़ने वाली दुकानों में दुकानदार को अपना नाम लिखना होगा। इसमें दुकान मालिक का नाम और डिटेल लिखी जाएगी। शुक्रवार को सीएम योगी ने यह आदेश दिया। सरकार का कहना है कि कांवड़ यात्रियों की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया है। इसके अलावा, हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी। यूपी में 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो रही है। हर साल 4 करोड़ कांवड़िए जल लेकर हरिद्वार जाते हैं।यूपी में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के अनुसार, प्रत्येक रेस्टोरेंट, ढाबा संचालक को अपनी फर्म का नाम, अपना नाम और लाइसेंस संख्या लिखना अनिवार्य है।
यूपी में मुजफ्फरनगर पुलिस ने सबसे पहले दुकानों के बाहर दुकानदारों को अपना नाम लिखने का आदेश दिया था। पुलिस का तर्क था कि इससे कांवड़ यात्रियों में कंफ्यूजन नहीं होगा। मतलब, दुकानदार का धर्म पता चल सकेगा।मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश पर देशभर में प्रतिक्रिया आई। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पुलिस के इस फैसले को सामाजिक अपराध बताया था। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तानाशाह फैसला बताया था। वहीं, गीतकार जावेद अख्तर ने इस फैसले की तुलना जर्मनी के नाजी शासन से की थी।
मुजफ्फरनगर पुलिस के इस आदेश के बाद शहर में कई दुकानदारों ने अपनी दुकानों के बाहर नाम लिखवा लिए थे। फिलहाल, अब मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश पर यूपी सरकार ने भी मुहर लगा दी है।अब जानिए, मुजफ्फरनगर पुलिस को ये आदेश क्यों देना पड़ा था
बघरा के योग साधना केंद्र के संस्थापक स्वामी यशवीर आश्रम महाराज ने चेतावनी दी थी कि कांवड़ रास्ते पर पड़ने वाले मुस्लिम होटल संचालक अपना नाम नहीं लिखेंगे तो आंदोलन छेड़ देंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुसलमानों ने हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर होटल खोले हैं। इससे श्रद्धालु भ्रमित हो जाते हैं। पुलिस जांच में ऐसे 8 होटल मिले, जो मुसलमानों के थे, लेकिन होटलों के नाम हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर रखे गए थे।
इसके बाद SSP अभिषेक सिंह ने अपील की कि अपने होटल का नाम बदल लें और वहां काम करने वालों के नाम बोर्ड पर लिखवा दें।अब मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश पर किसने क्या कहा था...
ऐसे आदेश शांतिपूर्ण वातावरण बिगाड़ते हैं- अखिलेश
अखिलेश यादव ने X पर लिखा- कोर्ट को इस मामले पर खुद एक्शन लेना चाहिए। ऐसे आदेश की जांच कराई जाए। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं।
जर्मनी में इसका नाम जुडेनबॉयकॉट था-ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी लिखा- ठेले मालिक को अपना नाम बोर्ड पर लगाना होगा, ताकि कोई कांवड़िया गलती से किसी मुसलमान की दुकान से कुछ न खरीद लें। इसे दक्षिण अफ्रीका में अपारथेड कहा जाता था और हिटलर की जर्मनी में इसका नाम जुडेनबॉयकॉट था।
जर्मनी में नाजियों ने ऐसा किया था- जावेद अख्तर
गीतकार जावेद अख्तर ने लिखा- मुजफ्फरनगर पुलिस ने आदेश दिया है कि कांवड़ यात्रा के रूट पर सभी दुकानदार, रेस्टोरेंट संचालक, वाहनों के मालिक अपना नाम स्पष्ट लिखवाएं। क्यों? नाजी जर्मनी में केवल विशेष दुकानों और घरों पर निशान बनाए जाते थे।
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