मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि, अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को व्यक्तिगत तौर पर आतंकवादी घोषित किया गया है. कोर्ट ने कहा कि, इस वजह से दाऊद के गिरोह डी-कंपनी से जुड़े होने के लिए ही किसी पर यूएपीए कानून के तहत कार्रवाई नहीं की जा सकती है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि, इस संबंध में डी कंपनी के गिरोह पर कड़े कानून के प्रावधान लागू नहीं होंगे.
डी-कंपनी के दो आरोपियों को जमानत
जस्टिस भारती डांगरे और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की बेंच की इस टिप्पणी के बाद अंडरवर्ल्ड गैंगस्टर दाऊद की डी- कंपनी के साथ जुड़े होने और ड्रग्स जब्ती मामले में 2022 को गिरफ्तार किए गए दो शख्स को जमानत दे दी. अदालत ने दोनों को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया.
एटीएस का दावा
एटीएस ने दावा किया था कि फैज भिवंडीवाला, जिसके पास से 600 ग्राम गांजा जब्त किया गया था, और परवेज वैद, दाऊद इब्राहिम गिरोह के सदस्य थे. बता दें कि, अगस्त 2022 में महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते ने दाऊद इब्राहिम गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया था.
अंडरवर्ल्ड गैंगस्टर दाऊद की डी- कंपनी
न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने 11 जुलाई के आदेश में, जिसका विवरण शुक्रवार (19 जून) को उपलब्ध कराया गया. जिसके बाद कोर्ट ने इस पर टिप्पणी करते हुए महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते द्वारा पकड़े गए दो व्यक्तियों को जमानत दे दी.
दोनों पर आतंकवादी संगठन का सदस्य होने, आतंकवादी कृत्य करने और अपराध के लिए धन इकट्ठा करने के साथ-साथ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम प्रावधानों के तहत यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था. अपने फैसले में, हाई कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार ने 4 सितंबर, 2019 को एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें दाऊद इब्राहिम कास्कर को यूएपीए के तहत 'आतंकवादी' के रूप में अधिसूचित किया गया था.
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