अलवर के जनाना अस्पताल में रात 2 बजे प्रसूता की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टर व स्टाफ पर लापरवाही के आरोप लगाए। रात को काफी हंगामा भी हुआ। सुबह समझाइश के बाद मामला शांत हुआ।
जानकारी के अनुसार 22 वर्षी महिला फरीना के भाई ने बताया कि डॉक्टर व सुरक्षाकर्मी की मनमर्जी के चलते मौत हो गई। रात को करीब 1 बजे उसकी बहिन ने बच्चे को जन्म दिया था। तब वह बिल्कुल ठीक थी। लेकिन कुछ देर बाद डॉक्टर ने मेरी माँ को बाहर निकाल दिया और बहन के टांके तक नहीं लगाए। जिसकी वजह से बहन के लगातार ब्लड निकलता रहा। तभी किसी महिला ने डॉक्टर को बताया कि फरीना के लगातार ब्लड निकल रहा है। डॉक्टर ने उसके टांके लगाने में काफी देरी की। काफी देर बाद डॉक्टर ने मां से कहा कि किसी व्यक्ति को बुलाकर लाओ महिला की तबीयत खराब है। मां ने हमें बुलाने आई। लेकिन गार्ड ने हमें अंदर नहीं जाने दिया। मरीज के गंभीर होने की बात बताने पर भी नहीं सुनी। इस बीच में तबीयत और बिगड़ती गई।
मृतका के चाचा ने बताया की भतीजी फरीना को अस्पताल में 16 तारीख को भर्ती करवाया था। बच्चा भी अभी गंभीर हालत में है। जो मशीन में है। भतीजी फरीना की मौत हो गई।
फरीना का सदर थाना क्षेत्र के गांव केसरपुर में पिहर है। जिसकी शादी 1 साल पहले तौफीक चिमरावली लक्ष्मणगढ़ के साथ हुई थी। जिसकी पहले संतान को जन्म देने के बाद मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शी रेखा यादव ने बताया कि अचानक से मृतका फरीना की तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी। जिसकी वजह से रेजिडेंस डॉक्टर ने मृतका फरीना की मां को कहा कि बाहर से किसी आदमी को बुला लाओ लेकिन जब वह बुलाकर वापस लौट रही थी तो उस समय एक खाकी वर्दी पहनी महिला गार्ड ने उनको रोक दिया। उसे अंदर नहीं आने दिया। तब तक उसकी तबीयत और बिगड़ती गई।
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