Pushkar Camel Fair 2024: अगर आप घूमने के शौकीन हैं और भारत की सांस्कृतिक धरोहर को करीब से देखना चाहते हैं तो राजस्थान का पुष्कर मेला (Pushkar Mela 2024) आपके लिए एक बेहतरीन जगह है। हर साल नवंबर में लगने वाला यह मेला इस बार 9 नवंबर से शुरू है और 15 नवंबर तक लगा रहेगा। यह न सिर्फ राजस्थान बल्कि पूरे भारत के सबसे बड़े और खास मेलों में से एक माना जाता है। अगर आप इस बार पुष्कर मेला देखने जा रहे हैं तो इन सारी चीजों को एक्सप्लोर करना न भूलें।
ऊंट राजस्थान की पहचान हैं और पुष्कर मेला इन ऊंटों के बिना अधूरा है। ऊंट सजावट और दौड़ प्रतियोगिता पुष्कर मेले का मुख्य आकर्षण है। इस प्रतियोगिता में ऊंटों को बेहद सुंदर और अनोखे तरीके से सजाया जाता है। उनके शरीर पर भव्य कारीगरी, रंग-बिरंगे कपड़े और गहनों से सजे ऊंट देखने वालों को मोहित कर देते हैं। इसके बाद होती है, ऊंट दौड़ जहां ऊंटों को तेजी से दौड़ाने की प्रतियोगिता होती है। इसमें न केवल ऊंटों की तेजी देखी जाती है बल्कि उनके प्रशिक्षकों की कला भी दिखती है। यह प्रतियोगिता मेले की शुरुआत के दिन होती है और इसे देखने के लिए हजारों की भीड़ जुटती है।
राजस्थान में पगड़ी को शान और मान का प्रतीक माना जाता है। पुष्कर मेले में आयोजित पगड़ी बांधने की प्रतियोगिता इस परंपरा को नया जीवन देती है। इस प्रतियोगिता में स्थानीय लोग और पर्यटक दोनों भाग ले सकते हैं। प्रतियोगिता में पगड़ी बांधने के विभिन्न स्टाइल दिखाए जाते हैं, जो राजस्थान के पहनावे और संस्कृति का बेहतरीन उदाहरण हैं। इस प्रतियोगिता में विजेताओं को विशेष पुरस्कार भी दिए जाते हैं, जो इसे और खास बनाते हैं।
राजस्थान में मूंछें मर्दानगी का प्रतीक मानी जाती हैं, और पुष्कर मेला इस परंपरा को बढ़ावा देने का मौका देता है। यहां हर साल लंबी मूंछ प्रतियोगिता होती है, जिसमें राज्य और देशभर के पुरुष अपनी लंबी मूंछों का प्रदर्शन करते हैं। प्रतियोगिता के दौरान मूंछों को अलग-अलग स्टाइल में पेश किया जाता है, जिससे यह प्रतियोगिता और भी दिलचस्प बन जाती है। इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागियों के साथ-साथ दर्शक भी इस प्रतियोगिता का भरपूर आनंद लेते हैं।
पुष्कर मेले में गर्म हवा के गुब्बारे की सवारी एक रोमांचक अनुभव है। ऊंचाई से पूरा मेला, पुष्कर झील, रंग-बिरंगे रेगिस्तानी नजारें और खूबसूरत सूर्योदय या सूर्यास्त का दृश्य देखने का अलग ही मजा है। यह सवारी आपको राजस्थान की खूबसूरती को नई नजर से देखने का मौका देती है, जो किसी यादगार अनुभव से कम नहीं है।
पुष्कर में आकर ऊंट सफारी का अनुभव करना न भूलें। जहां पुष्कर शहर की सीमा खत्म होती है, वहीं से रेगिस्तान की शुरुआत होती है। यहां ऊंटों पर बैठकर आपको राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके की खूबसूरती देखने का मौका मिलता है। यह सफारी एक अद्भुत अनुभव होता है, जिसे हर पर्यटक को एक बार जरूर करना चाहिए।
पुष्कर मेले में राजस्थानी हस्तशिल्प का जादू देखने लायक होता है। यहां पारंपरिक राजस्थानी कपड़े, आभूषण, हस्तशिल्प, कालीन और कई अन्य वस्त्र मिलते हैं, जो आपकी यात्रा को यादगार बना देंगे। पर्यटक यहां से राजस्थानी शिल्प और कला की खरीदारी कर सकते हैं, जो उनके घर की सजावट में एक नया रंग भर देते हैं। यह मेला शॉपिंग के शौकीनों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है, जहां आपको राजस्थानी कला और संस्कृति के अनगिनत विकल्प मिलेंगे।
अगर आप भी पुष्कर मेले में घूमने आ रहे हैं तो इस 2 करोड़ के खास घोड़े को देखना न भूलें। इसकी शानदार कद-काठी और तेज रफ्तार ने इसे मेले का मुख्य आकर्षण बना दिया है और ये घोड़ा लगातार न्यूज में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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