Rajasthan Bypoll 2024: डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा में 13 नवम्बर को उपचुनाव होंगे। इस चुनाव में चौरासी हॉट सीट बन चुकी है। क्योंकि यहां सियासी पारा गरमाया हुआ है। भाजपा, कांग्रेस व बीएपी तीनों दलों ने पूरी ताकत झोंक रखी है, ताकि जीत दर्ज की जा सके। सीएम भजनलाल शर्मा ने सोमवार को चौरासी का दौरा किया और सारी बाजी पलट दी। सीएम ने कांग्रेस व बीएपी की सबके सामने पोल खोली और जमकर दोनों दलों पर निशाना साधा। सीएम के दौरे के बाद दूसरे दलों में हलचल मच गई है।
बता दें कि चौरासी विधानसभा सीट पर भाजपा से कारीलाल ननोमा, कांग्रेस से महेश रोत और बीएपी से अनिल कटारा चुनावी मैदान में है। बहरहाल चुनावी स्थिति पर नजर डालें तो भाजपा प्रत्याशी कारीलाल ननोमा सबसे मजबूत दिखाई दे रहे हैं। तीनों दलों में मुकाबला कड़ा है, लेकिन भाजपा मजबूत स्थिति में दिखाई दे रही है।
भाजपा प्लानिंग के आधार पर इलेक्शन को फाइट करती है। सीएम भजनलाल शर्मा ने विधानसभा उपचुनाव के प्रचार-प्रसार के आखिरी दिन चौरासी का दौरा किया। इससे पहले उन्होंने दौसा, खींवसर व अन्य सीटों का दौरा किया। लेकिन आखिरी में चौरासी सीट का दौरा किया और सारे समीकरण बदल डाले। सीएम ने कहा कि बीएपी एवं कांग्रेस धर्म और जाति के नाम पर भडक़ाने की राजनीति करती है, इन्हें केवल वोट चाहिए। इन्हें देश-प्रदेश के विकास से कोई लेना-देना नहीं है। पंजे ने तो देश को गंजा कर दिया।
चौरासी विधानसभा उपचुनाव रोचक बन गया है। यहां पर बीएपी पार्टी का सबसे बड़ा मुद्दा भील प्रदेश बनाने का है तो बीजेपी का हिंदुत्व और आदिवासी कल्याण का है, वहीं कांग्रेस अतीत के अपने परंपरागत आदिवासी वोटों के जड़ की तलाश में है। लोकसभा चुनाव में डूंगरपुर-बांसवाड़ा सीट से राजकुमार रोत के सांसद चुने जाने से यहां उपचुनाव हो रहा है।
सीएम भजनलाल शर्मा व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ पिछले डेढ़ माह में तीन बार डूंगरपुर जिले का दौरा कर चुके है। इस दौरान उन्होंने 15 नवंबर को आदिवासी गौरव दिवस मनाने की जानकारी भी दी है।
चौरासी विधानसभा उपचुनाव में भाजपा का मुकाबला कर रही बीएपी पार्टी को अब बगावत का डर सता रहा है। आदिवासी परिवार से जुड़े और भारत आदिवासी पार्टी में काम कर चुके बदामीलाल बागी होकर चुनाव लड़ रहे हंै। बदामीलाल ने भारत आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि वे 2014- 2015 से आदिवासी परिवार और पार्टी से जुड़े हुए है। पार्टी के नेताओं ने ये कहकर उनका टिकिट काट दिया कि एक व्यक्ति एक चुनाव का नियम है। जबकि उनकी पत्नी प्रधान है, वे किसी पद पर नहीं है। उनका टिकिट भले काट दिया, लेकिन पार्टी के ही बड़े नेता खुद ये नियम तोड़ रहे है।
क्षेत्र में भाजपा के युवा कार्यकर्ता यहां भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने में लगे है। पिछले 11 माह में भाजपा के युवा कार्यकर्ताओं की टोली ने घर-घर जाकर राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में बताया है। पिछले चार माह से कार्यकर्ता पूरी चुनाव संभाले हुए हैं। कार्यकर्ताओं की मेहनत का ही परिणाम है कि अब माहौल भाजपा के पक्ष में जाता नजर आ रहा है।
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