रसद विभाग : एनएफएसए में राशन का गेहूं स्वैच्छा से छोडऩे वालों को कर रहे प्रेरित
झालावाड़. घरेलू गैस सिलेंडर पर स्वैच्छा से सब्सिडी छोडऩे की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की करीब दस साल पुरानी पहल को खाद्य विभाग ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना पर भी लागू कर दिया है। रसद विभाग ने अपात्रों की छंटनी के अभियान में पहले स्वैच्छा से एनएफएसए में राशन का गेहूं छोडऩे वालों से आवेदन मांगे हैं। संभवत: स्वैच्छा से आवेदन करने वाले अपात्र उपभोक्ता विभागीय कार्रवाई से बच सकेंगे। हालांकि झालावाड़ जिले में 40 लोगों ने स्वैच्छा से नाम कटवाने के लिए आवेदन किया है। सक्षम व्यक्ति भी कर सकता है परित्याग- राज्य सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम -2013 में अपात्रों का छंटनी अभियान शुरू किया है। अतिरिक्त खाद्य आयुक्त ने 29 अक्टूबर को पत्र जारी करके खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभार्थियों में निष्कासन की श्रेणी में आने वालों को स्वेच्छा से नाम हटवाने का अवसर दिया है। कोई लाभार्थी निष्कासन की श्रेणी में आने के बाद भी एनएफएसए से जुड़ा हुआ पाए जाने पर रसद विभाग की ओर से कानूनी कार्रवाई के साथ वसूली के दायरे में आ जाएगा। वहीं स्वैच्छा से नाम कटवाने वालों को विभागीय कार्रवाई से भी मुक्त रखा जाने की उम्मीद है।
यों हटाए जाएंगे योजना से नाम-
यदि कोई व्यक्ति नए मापदण्डों के आधार पर अपना नाम एनएफएसए की सूची में से हटवाना चाहता है, तो अपने उपखण्ड अधिकारी,जिला रसद अधिकारी को दिया जाने वाला प्रार्थना पत्र राशन डीलर से लेकर, उसको भरकर वापस जमा करवा सकता है। राशन डीलर मिलने वाले प्रार्थना पत्र संबंधित उपखण्ड अधिकारी,जिला रसद अधिकारी कार्यालय में भी जमा करवाए जा सकते हैं। प्रार्थना पत्र की नियमानुसार जांच की जाएगी। इसके बाद प्रार्थना-पत्र व उन पर हुई कार्यवाही की जानकारी मुख्यालय को देनी होगी।
कर्मचारियों से हो चुकी है वसूली-
राज्य सरकार ने पांच साल पहले एनएफएसए में एक रुपए किलो का गेहूं उठाने वाले लाखों राज्य कर्मचारी और फिर केन्द्र सरकार के कर्मचारी के जुड़ा होना पाया था। रसद विभाग ने योजना को आधार से जुड़ते ही लाखों राज्य कर्मचारी और उनके परिजन वसूली के दायरे में आ गए। आखिर रसद विभाग ने वसूली का डंडा चलाते हुए एक रुपए किलो में मिलने वाला राशन के गेहूं की 27 रुपए प्रति किलो के हिसाब से वसूली की गई थी।
जिले में वसूले एक करोड़ से अधिक-
झालावाड़ जिले में राशन का गेहूं करीब 1202 कर्मचारियों ने उठाया था। उनमें से 926 कर्मचारियों से विभाग ने 1 करोड़ 14 लाख 51 हजार रुपए वसूल भी कर लिए है। अभी 276 कर्मचारियों से ओर 27 रुपए किलो के हिसाब से वसूली करनी बाकी है। ऐसे में इनसे भी 50 लाख से अधिक की वसूली होना बाकी है। सूत्रों ने बताया कि नौकरी का ज्वाइनिंग लैटर आते ही कर्मचारी एनएफएसए योजना से अपात्र हो जाता है। ऐसे मे अगर वो स्वैच्छा से नाम कटवा लेता है, तो अच्छा नहीं तो उसके खिलाफ अधिनियम 2013 के तहत कार्रवाई होती है।
इनका कहना है-
एनएफएसए में अपात्र उपभोक्ता रसद विभाग में आवेदन देकर योजना छोड़ सकते हैं। छंटनी अभियान में विभागीय कार्रवाई की जद में आने पर राज्य सरकार के निर्देशानुसार वसूली की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।कोई भी व्यक्ति स्वैच्छा से अपना नाम कटवा सकता हैं। सरकारी कर्मचारियों से एक करोड़ रुपए की वसूली की जा चुकी है। अगर किसी का ज्वाइंट राशन कार्ड है, उसमें परिवार के किसी सदस्य की नौकरी लग जाती है। तो वो राशन कार्ड अपात्र हो जाता है। ऐसे में नियुक्ति पत्र मिलते ही अपना नाम कटवाने से कार्रवाई से बच सकते हैं।
जितेन्द्र कुमार, जिला रसद अधिकारी, झालावाड़।
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