चित्तौड़गढ़। प्रदेश में केन्द्रीय सहकारी बैंकों से ब्याज मुक्त ऋण लेने वाले किसानों के लिए राहत की खबर है। इसकी है वजह सहकार जीवन सुरक्षा बीमा के लिए प्रदेश स्तर पर शीर्ष सहकारी बैंक और निजी बीमा कंपनी के बीच अनुबंध होना। इस कारण चित्तौड़गढ़ जिले के 1 लाख 27 हजार 799 और प्रदेश के 28 लाख से ज्यादा किसान रबी सीजन में बीमा के दायरे में रहेंगे।
अच्छी बात है कि अनुबंध में प्रीमियम की राशि को प्रति हजार कम कर दिया गया है। जबकि सहकार दुर्घटना बीमा में जिले के 1 लाख 35 हजार 907 किसानों का बीमा हो चुका है। इसके लिए प्रति ऋणी किसान 292.5 रुपए की प्रीमियम है। हालांकि बीमा के प्रीमियम का भुगतान किसान खुद करेगा। सदस्य किसान के लिए अनिवार्य होने के कारण किसानों के ऋण खातों से राशि की कटौती शुरू हो गई है। गौरतलब है कि ब्याज मुक्त ऋण की राशि की अधिकतम सीमा तीन लाख रुपए तय की गई है।
सहकारी बैंक से ऋण लेते समय सदस्य किसान का सहकार जीवन सुरक्षा बीमा योजना में बीमा किया जाता है। सहकार जीवन सुरक्षा बीमा योजना में सहकारी बैंक के ब्याज मुक्त ऋण का बीमा किया जाता है। सामान्य मृत्यु के बाद उस फसल ऋण राशि बीमा कंपनी ही चुकाती है।
बीमा करवाने वाले किसान की ऋण चुकाने से पहले किसी कारणवश मौत हो जाती है तो किसान के परिजन से बकाया ऋण नहीं लिया जाता है। हालांकि योजना लागू नहीं होने से पिछले डेढ़ साल के दौरान जिन किसानों की मौत हो गई, कर्ज का बोझ उस किसान के परिवार पर आ गया है।
बीमा कपनियों की बेरुखी को देखते हुए ही सरकार ने पहले भी बीमा शर्तें बदली थी। नए अनुबंध में बीमा के लिए आयु वर्ग तय किए गए हैं। दो लाख रुपए तक का ऋण लेने वाले 18 से 60 वर्ष तक की आयु वाले वर्ग के लिए प्रति हजार रुपए की राशि के लिए 6 रुपए 99 पैसे, ऋण की राशि दो लाख रुपए से ज्यादा होने पर 8 रुपए 25 पैसे, दो लाख रुपए तक 60 से 79 वर्ष तक के किसानों के लिए 27 रुपए 68 पैसे व ऋण की राशि दो लाख रुपए से ज्यादा होने पर 32 रुपए 66 पैसे प्रति हजार रुपए प्रति व्यक्ति रखी गई है। यह राशि पूर्व में हो चुके अनुबंध की राशि के लिहाज से काफी कम है। हालांकि सरकार ने दो साल पहले तक एक समान प्रीमियम दर पर ही बीमा दस लाख रुपए तक के लिए निर्धारित किया था।
सहकार जीवन सुरक्षा बीमा योजना के तहत प्रीमियम की कटौती शुरू कर दी गई है। अब तक 1 लाख 27 हजार 799 किसानों की 8.56 करोड़ रुपए प्रीमियम कटौती की जा चुकी है। योजना में सहकारी बैंक के ब्याज मुक्त ऋण का बीमा किया जाता है। सामान्य मृत्यु के बाद उस फसल ऋण की राशि बीमा कंपनी ही चुकाती है। इससे किसानों को फायदा मिलेगा। जबकि सहकार दुर्घटना बीमा में 1 लाख 35 हजार 907 किसानों का बीमा हो चुका है।
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