बजट में गोंडा को आंशिक लाभ, विश्वविद्यालय और स्टेडियम पर नहीं मिला ध्यान, लेकिन गौशालाएं और नगर निकाय होंगे आधुनिक
गोंडा: उत्तर प्रदेश सरकार के नए बजट में गोंडा जिले को मिली-जुली सौगात मिली है। जहां एक ओर गौशालाओं और नगर निकायों को हाईटेक बनाने की योजना को स्वीकृति मिली है, वहीं जिलेवासियों की बहुप्रतीक्षित विश्वविद्यालय और स्टेडियम की उम्मीदें अधूरी रह गई हैं। बजट में बुनियादी ढांचे और विकास कार्यों पर जोर दिया गया है, लेकिन कई बड़े प्रोजेक्ट अब भी अधर में लटके हैं।
गोंडा में विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग लंबे समय से की जा रही है, ताकि स्थानीय छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए दूसरे शहरों का रुख न करना पड़े। इसी तरह, खेल प्रेमियों को उम्मीद थी कि जिले को एक बड़ा स्टेडियम मिलेगा, जिससे खेल प्रतिभाओं को उचित मंच मिल सके। लेकिन इस बजट में इन दोनों ही प्रस्तावों को जगह नहीं दी गई, जिससे छात्र और खिलाड़ी निराश हैं।
बजट में गोंडा की गौशालाओं के आधुनिकीकरण के लिए धन आवंटित किया गया है। इसके तहत, गौशालाओं में बेहतर देखभाल, चारे की व्यवस्था और चिकित्सा सुविधाओं को उन्नत किया जाएगा। वहीं, नगर निकायों को भी डिजिटल और स्मार्ट तकनीकों से लैस किया जाएगा, जिससे शहर की सफाई, जल आपूर्ति और अन्य बुनियादी सेवाएं अधिक प्रभावी हो सकेंगी।
बजट में जिले की सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचों के विकास के लिए भी कुछ प्रावधान किए गए हैं। ग्रामीण इलाकों में सड़कों के निर्माण और मरम्मत पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे यातायात की सुविधा बेहतर हो सके।
सरकार की इस घोषणा पर स्थानीय लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया आई है। जहां एक ओर कुछ लोग गौशालाओं और नगर निकायों के विकास को सकारात्मक कदम मान रहे हैं, वहीं विश्वविद्यालय और स्टेडियम की मांग पूरी न होने से नाराजगी भी देखी जा रही है।
अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में सरकार जिले की लंबित मांगों पर कितना ध्यान देती है।
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