प्रयागराज: आस्था और विश्वास के सबसे बड़े पर्व महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं का जनसैलाब लगातार उमड़ रहा है। संगम में डुबकी लगाने वालों की संख्या 56.75 करोड़ को पार कर चुकी है और ऐसा अनुमान है कि मेले की समाप्ति तक यह आंकड़ा 60 करोड़ तक पहुंच सकता है।
महाकुंभ के 39वें दिन भी श्रद्धालुओं में अपार उत्साह देखा गया। लाखों आस्थावान जन गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में पुण्य स्नान के लिए उमड़ रहे हैं। संगम की ओर जाने वाले मार्गों पर भारी भीड़ देखने को मिल रही है, लेकिन प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है और व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।
महाकुंभ की भव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा से आकर्षित होकर यूनेस्को के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक टिम कर्टिस ने भी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। टिम कर्टिस ने स्नान के बाद कहा कि यूनेस्को शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन के समाधान और वैश्विक शांति को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है।
उन्होंने परमार्थ निकेतन शिविर में संतों और पर्यावरणविदों के साथ संगोष्ठी में भाग लिया, जहां जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण संरक्षण, वैश्विक शांति और सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई।
मेले के समापन की तिथि 26 फरवरी नजदीक आने के बावजूद श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नहीं है। लाखों की संख्या में भक्तजन संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। प्रशासन और मेले से जुड़े अधिकारी श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लगातार काम कर रहे हैं, ताकि यह अध्यात्मिक महायज्ञ सुव्यवस्थित और सुरक्षित रूप से संपन्न हो सके।
➡️ क्या महाकुंभ 2025 में स्नान करने वालों का आंकड़ा 60 करोड़ पार कर जाएगा? आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा।
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