महाराष्ट्र : के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विपक्ष के आरोपों पर कड़ा पलटवार करते हुए कहा, 'जो इस संकेत को समझना चाहते हैं, वे समझ लें। 2022 में जब मुझे हल्के में लिया गया, तो मैंने सरकार ही बदल दी थी।'
शिंदे बनाम विपक्ष – क्या है मामला?
महाराष्ट्र की महायुति सरकार में मतभेद की खबरों के बीच विपक्ष लगातार हमलावर है। इन आरोपों के जवाब में शिंदे ने स्पष्ट कर दिया कि वे बाला साहेब ठाकरे के सच्चे अनुयायी हैं और किसी भी सियासी चुनौती से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा, 'मैं सिर्फ पार्टी का कार्यकर्ता नहीं, बल्कि बाला साहेब का सिपाही हूं। जब भी वक्त आया, हमने जनता की सरकार बनाई है।'
शिंदे और फडणवीस में बढ़ रही दूरियां?
सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री शिंदे के बीच संरक्षक मंत्री की नियुक्ति, अलग-अलग समीक्षा बैठकें और प्रशासनिक फैसलों को लेकर असहमति देखने को मिली है। हाल ही में रायगढ़ और नासिक के संरक्षक मंत्रियों की नियुक्ति से शिवसेना गुट नाराज था।
क्या महाराष्ट्र सरकार में सबकुछ ठीक नहीं?
हालांकि, शिंदे और फडणवीस दोनों ही सरकार में किसी भी तरह की दरार से इनकार कर चुके हैं, लेकिन राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हैं। शिंदे ने साफ संदेश दिया है कि उन्हें हल्के में लेने की गलती न की जाए, क्योंकि 2022 में जो हुआ, वो फिर भी हो सकता है!
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