राजस्थान : की सियासत में इस समय जबरदस्त हलचल मची हुई है। कांग्रेस के छह विधायकों के निलंबन के बाद राज्य में सियासी घमासान तेज हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी ने लोकतंत्र के खिलाफ एक नई परंपरा शुरू कर दी है, जो बेहद खतरनाक है।
दरअसल, विधानसभा में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर की गई टिप्पणी को लेकर कांग्रेस विधायकों ने विरोध जताया था। इस दौरान जमकर हंगामा हुआ, जिसके चलते विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के छह विधायकों को बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया। इस फैसले से कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं में आक्रोश है।
अशोक गहलोत ने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा, "यह लोकतंत्र की हत्या है। कांग्रेस के विधायकों को सिर्फ इसलिए निलंबित कर दिया गया क्योंकि उन्होंने सरकार के गलत बयान का विरोध किया। भाजपा लोकतंत्र को कुचल रही है और अब उसने एक नई परंपरा शुरू कर दी है, जिसमें विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है।"
इस निलंबन के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कई जिलों में प्रदर्शन किया। पार्टी नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि निलंबन को रद्द नहीं किया गया तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, "हम विधायकों के निलंबन को बर्दाश्त नहीं करेंगे। यदि सरकार अपनी तानाशाही रवैया बंद नहीं करती तो पूरे प्रदेश में आंदोलन छेड़ा जाएगा।"
इस मामले में भाजपा ने भी जवाब दिया है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस का यह प्रदर्शन सिर्फ राजनीतिक स्टंट है। भाजपा का कहना है कि विधानसभा में अनुशासन बनाए रखना जरूरी है और कांग्रेस विधायकों ने सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाई थी, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की गई।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद राजस्थान की राजनीति गर्मा गई है। कांग्रेस पूरे मामले को बड़ा मुद्दा बना रही है, जबकि भाजपा अपने फैसले को सही ठहराने में जुटी हुई है। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में इस विवाद का क्या असर पड़ता है और क्या कांग्रेस अपने निलंबित विधायकों की वापसी सुनिश्चित करा पाएगी या नहीं।
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