राजस्थान विधानसभा : में बजट सत्र के दौरान जमकर हंगामा हुआ, जिसके बाद कांग्रेस के निलंबित विधायक सदन में ही धरने पर बैठ गए। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि सदन की गरिमा को बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है, और वे किसी भी अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
बजट सत्र के दौरान विपक्ष ने सत्ता पक्ष के एक मंत्री की टिप्पणी पर कड़ा विरोध जताया, जिससे सदन में गतिरोध उत्पन्न हो गया। विरोध इतना बढ़ा कि कांग्रेस विधायकों ने सदन के भीतर ही धरना देना शुरू कर दिया। सत्ता पक्ष के प्रस्ताव पर कांग्रेस के छह विधायकों को निलंबित कर दिया गया।
अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि विरोध करने की एक मर्यादा होती है, लेकिन सदन में जो हुआ, वह अनुचित था। उन्होंने स्पष्ट किया कि विधानसभा की गरिमा को बनाए रखने के लिए वे कोई समझौता नहीं करेंगे। उनका कहना था कि सदन में नारेबाजी, टेबल पर चढ़ना और अनुशासनहीनता किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।
स्पीकर देवनानी ने यह भी स्पष्ट किया कि सदन में टैबलेट तोड़े जाने की खबरें गलत हैं। कुछ सदस्यों ने अज्ञानतावश उन्हें स्टैंड के रूप में इस्तेमाल किया या चार्जिंग पॉइंट समझकर प्रयोग किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि आगे ऐसी गलतफहमियां नहीं होंगी।
विपक्ष के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए देवनानी ने कहा कि अगर उन्हें किसी प्रकार की शिकायत है तो वे उसे सदन में उठाएं। उन्होंने दावा किया कि वे सभी सदस्यों को बोलने का समान अवसर देते हैं, लेकिन सदन की मर्यादा का पालन करना सभी की जिम्मेदारी है।
उन्होंने निलंबित विधायकों से अपील की कि वे अपने घर जाएं और 24 फरवरी को जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू होगी, तब अपना पक्ष रखें। स्पीकर ने दोहराया कि वे सदन के नियमों, परंपराओं और अनुशासन को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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