नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर ताजा हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि दलित, आदिवासी या ओबीसी समुदाय की कोई भी महिला मिस इंडिया ब्यूटी कॉम्पीटिशन में शामिल नहीं हुई.
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, "मैंने मिस इंडिया की लिस्ट देखी कि इसमें कोई दलित या आदिवासी महिला होगी, लेकिन उसमें दलित, आदिवासी या ओबीसी की कोई महिला नहीं थी. फिर भी, मीडिया डांस, म्यूजिक, क्रिकेट, बॉलीवुड के बारे में बात करता है, लेकिन किसानों और मजदूरों के बारे में बात नहीं करता है." कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने देशव्यापी जाति जनगणना कराने की अपनी मांग और महत्व को दोहराते हुए कहा कि यह सिर्फ एक जनगणना नहीं है, बल्कि यह एक प्रभावी नीति निर्माण के लिए आधार का काम करेगी.
90 फीसदी लोगों के पास स्किल और टेलेंट
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 'संविधान सम्मान सम्मेलन' को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि 90 फीसदी लोगों के पास जरूरी स्किल, टेलेंट और ज्ञान होने के बावजूद वे सिस्टम से जुड़े नहीं हैं. कांग्रेस नेता ने यह भी रेखांकित किया कि यह देखना महत्वपूर्ण है कि 90 प्रतिशत आबादी के बीच संपत्ति का वितरण किस तरह किया जा रहा है.
सिर्फ जाति जनगणना काफी नहीं
उन्होंने आगे कहा, "बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि जाति जनगणना के बाद ओबीसी वर्ग बनाया जाएगा. "हम विभिन्न समुदायों की लिस्ट चाहते हैं. हमारे लिए जाति जनगणना सिर्फ जनगणना नहीं है, यह नीति निर्धारण का आधार है. सिर्फ जाति जनगणना करना ही काफी नहीं है, यह समझना भी महत्वपूर्ण है कि धन का वितरण कैसे हो रहा है." कांग्रेस सांसद ने कहा, "यह पता लगाना भी महत्वपूर्ण है कि ब्यूरोक्रेसी, ज्यूडिशयरी और मीडिया में ओबीसी, दलितों और मजदूरों की कितनी भागीदारी है?"
बता दें कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान, कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो वह जातियों, उपजातियों और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की गणना करने के लिए देश भर में सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना कराएगी.
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