जिले के महात्मा गांधी अस्पताल परिसर में एक नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए घटना में शामिल दो आरोपियों को हिरासत में ले लिया है. घटना 25 अगस्त देर रात की है, जब पूरे शहर में पुलिस हाई अलर्ट पर थी, क्योंकि 25 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित लगभग राजस्थान की आधी सरकार जोधपुर में मौजूद थी. इसके अलावा पुलिस के मुखिया डीजीपी यूआर साहू भी जोधपुर दौरे पर थे.
एसीपी अनिल कुमार ने बताया कि बालिका की सूरसागर थाने में 25 अगस्त की शाम को गुमशुदगी की रिपोर्ट की दर्ज हुई थी. पुलिस को 26 अगस्त को बालिका की जानकारी मिली, जिसके बाद उसके परिजनों को सूचित किया गया. तब पीड़िता ने आपबीती अपने परिजनों को बताई. एसीपी ने बताया कि बालिका के बयान लिए गए हैं, उसका मेडिकल भी करवाया गया है.
अस्पताल प्रबंधन ने ठेकाकर्मी नहीं माना : आरोपियों की पहचान सफाई कर्मी के रूप हुई है, लेकिन अस्पताल अधीक्षक फतेह सिंह भाटी का कहना है कि एक आरोपी पहले हमारे यहां ठेकाकर्मी था, जबकि दूसरे की कोई जानकारी नहीं है. दोनों अस्पताल में काम नहीं कर रहे थे. पुलिस ने भी इस पर स्थिति साफ नहीं की है. अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हमने समीक्षा की है. घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी पुलिस ने देखे हैं, हम पुलिस का सहयोग कर रहे हैं.
आधी रात के बाद की घटना : बालिका के परिजनों ने बताया कि वह शनिवार को बिना बताए घर से निकली थी. उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट उन्होंने 25 अगस्त को सूरसागर थाने में दर्ज करवाई थी. वहीं, पुलिस का कहना है कि उन्हें 26 अगस्त को बालिका के एमजीएच में होने का पता चला तो, उन्होंने परिजनों को सूचित किया. बालिका घर से निकलने के बाद अस्पताल के पीछे रेलवे स्टेशन रोड के आसपास घूमती रही. वहीं से ही आरोपियों ने उसे अपना निशाना बनाया और अस्पताल लेकर आए.
जोधपुर में 15 दिन में चौथी घटना
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