बिहार के दरभंगा जिले के बहादुरपुर थाना क्षेत्र में यूपी पुलिस ने एक युवक को फर्जी जन्म पत्र निर्गत कराने के मामले में गिरफ्तार किया है. यूपी की पुलिस ने रविकेश की गिरफ्तारी के लिए 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. रविकेश छह महीने पहले पुत्र की छठी में वह अपने घर आया था. अचानक यूपी पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी की सूचना दी है. उसकी गिरफ्तारी की सूचना मिलने से पत्नी सहित पूरा परिवार सकते में पड़ा है.
दरभंगा से यूपी पुलिस ने रविकेश को उठाया : दरअसल, 25 अगस्त को उत्तर प्रदेश के रायबरेली में फर्जी जन्म और मृत्यु सर्टिफिकेट बनाने के आरोप में पुलिस ने रविकेश को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने उसे इस मामले का मास्टरमाइंड बताया है. जानकारी के अनुसार रविकेश ने रायबरेली में VDO (ग्राम विकास अधिकारी) की आईडी से 19 हजार 184 फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाकर लोगों को दे चुका था. तब जाकर जिला प्रशासन की नींद खुली तो उसकी गिरफ्तारी हुई है.
रविकेश के कांड से माता-पिता अंजान : इस वाकये के बाद परिजनों को रविकेश के संबंध में पता चला. सूचना के बाद से रविकेश की मां और पिता का रो रो कर बुरा हाल है. उसे विश्वास ही नहीं हो रहा है कि उसका बेटा गिरफ्तार है. वहीं परिवार के लोग रविकेश को निर्दोष बता रहे हैं. इधर यूपी पुलिस ने आरोपी रविकेश की गिरफ्तारी के लिए इनाम घोषित कर रखा था. इनपुट मिलते ही कार्रवाई हुई और आरोपी पकड़ा गया.
हमको कुछ नहीं पता था, न ही कुछ मुझे बताता था की क्या करते है, नहीं करते हैं. आगे वो रोते हुए बताती है कि घर की स्थिति बहुत खराब है. मैं समझ ही नहीं पा रही हूँ की उसने क्या किया है. वह हर महीने घर का खर्च भी भेजा करता था.''- आरोपी रविकेश की मां
'मेरा बेटा कभी यूपी गया ही नहीं' : वहीं, रविकेश के पिता दिलीप लालदेव की मानें तो रविकेश की गिरफ्तारी फर्जी जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने में की गई है. जबकि मेरा लड़का ये सब करता ही नहीं था. वह यूपी कभी गया ही नहीं. वह निर्दोष है. वो किसी कंपनी का काम करते थे. जो अच्छा खासा पैसा देता था. उसकी औरंगाबाद के सोने लाल और मोतिहारी के राजू के साथ दोस्ती थी और बातचीत होती थी. वो लोग कभी दिल्ली और कभी मोतिहारी बुलाते थे.
''उसकी कैसे गिरफ्तारी हुई समझ में नहीं आ रहा है. आज तक वह यूपी गया ही नहीं. उसे फंसाया गया है. रविकेश को अपनी जमीन बेचकर एमबीए की पढ़ाई दिल्ली में रखकर करवाया था.''- दिपीप लालदेव, आरोपी रविकेश के पिता
PFI के सदस्य का भी बनाया फर्जी सर्टिफिकेट : बता दें कि 17 जुलाई को पहली एफआईआर रायबरेली के सलोन थाने में दर्ज हुई थी. ग्राम विकास अधिकारी विजय यादव की आईडी से जन्म और मृत्यु सर्टिफिकेट बनाए गए थे. केरल में सक्रिय PFI के सदस्य का नाम भी इसमें उजागर हुआ था. जब खुलासा हुआ तो यूपी ATS सक्रिय हुई और दो अगस्त तक इस मामले में कुल 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि रविकेश को 25 अगस्त को पकड़ा गया. इसकी सूचना परिवार को दी गई तो परिवार को यकीन ही नहीं हो रहा है.
'अब तक 4 लाख फर्जी सर्टिफिकेट बनाए' : यूपी ATS को पूछताछ में रविकेश ने बताया कि देशभर में उसके गैंग में अब तक 4 लाख जन्म और मृत्यु सर्टिफिकेट फर्जी तरीके से बनाए हैं. खास बात ये है कि सरकारी वेबसाइट की तर्ज पर इसने अपनी वेबसाइट भी डेवलप की थी और इसका जाल यूपी से बिहार तक फैला हुआ था.
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