मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ करने की दिशा में चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा चिल्ड्रन्स इन्वेस्टमेंट फण्ड फाउंडेशन (सीआईएफएफ) के बीच मंगलवार को शासन सचिवालय में एक एमओयू हस्ताक्षरित किया गया। एमओयू पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ एवं सीआईएफएफ की ओर से कार्यकारी निदेशक मंजुला सिंह ने हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव राठौड़ ने कहा कि एमओयू से प्रदेश में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने में तकनीकी सहयोग प्राप्त होगा। राज्य के परिवार नियोजन कार्यक्रम को भी मजबूत किया जा सकेगा। साथ ही, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य से जुड़े सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में सुगमता होगी। सीआईएफएफ के माध्यम से एनीमिया से पीड़ित गर्भवती महिलाओं के लिए बेहतर उपचार विकल्प तैयार किए जाएंगे।
राठौड़ ने बताया कि इस पांच-वर्षीय एमओयू के तहत महिलाओं और बच्चों के जीवन स्तर में सुधार पर फोकस किया जाएगा। एमओयू के तहत सीआईएफएफ की ओर से विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से वित्तीय एवं तकनीकी सहायता के साथ ही महिलाओं और बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधारात्मक गतिविधियों के लिए सहयोग प्रदान किया जाएगा।
सीआईएफएफ के संस्थापक सर क्रिस हॉन ने कहा कि एकीकृत प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती मिलने से महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य की स्थितियां बेहतर होंगी। उन्होंने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की दिशा में राजस्थान सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार के साथ सीआईएफएफ की लंबी साझेदारी रही है। उनका फाउंडेशन बच्चों के लिए एक स्वस्थ, भेदभाव मुक्त और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक डॉ. भारती दीक्षित, निदेशक आरसीएच डॉ. सुनीत सिंह राणावत, एसपीएम डॉ. लोकेश चतुर्वेदी सहित अन्य अधिकारी एवं सीआईएफएफ व जपाईगो संस्था के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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