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मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने टोक्यो में ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट,2024 के रोड शो का नेतृत्व किया, राजस्थानी एनआरआई समूह से बताचीत कर जापान में राजस्थान के दूत की भूमिका निभाने का आव्हान किया

नीमराणा जापानी निवेश क्षेत्र ‘व्यापार करने में आसानी’ के प्रति राजस्थान की प्रतिबद्धता का जीवंत उदाहरण: मुख्यमंत्री

जेट्रो, काई ग्रुप, निप्पॉन स्टील ट्रेडिंग, हिताची, यामाशिता रबर, ईएंडएच प्रिसिजन, ताकाहाटा प्रिसिजन और अन्य जापानी उद्यमों के साथ की बातचीत 

मुख्यमंत्री ने टोक्यो में नीमराणा दिवस समारोह में भाग लिया, नीमराणा को देश-विशिष्ट निवेश क्षेत्र के लिए एक मॉडल बताया

जयपुर: ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट— 2024 के दक्षिण कोरिया रोड शो के सफल आयोजन के बाद, राजस्थान के मुख्यमंत्री  भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को  जापान की राजधानी टोक्यो में निवेशकों की बैठक (रोडशो) में भाग लिया। इस उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल की यह जापान यात्रा जापानी व्यापार जगत को प्रदेश में निवेश के लिए और इस साल दिसंबर में आयोजित ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट— 2024 में शामिल होने के लिए आमंत्रित करने के लिए हो रही है। 

 

टोक्यो में आयोजित इस रोड शो को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने राजस्थान में निवेश करने और मौजूदा संबंधों को मजबूत करने के लिए जापानी निवेशक समुदाय और उद्यमियों को आमंत्रित किया।

 

मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, “जापानी निवेशकों के लिए उपयुक्त व्यापारिक वातावरण प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता नीमराणा जापानी निवेश क्षेत्र की सफलता से स्पष्ट है, जहां अब तक 48 से अधिक जापानी कंपनियों ने लगभग 8.34 अरब  अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है और 26,000 से अधिक लोगों को रोजगार दिया है। यह ‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का एक जीवंत उदाहरण है। इसकी सफलता से प्रेरित होकर, हमारी सरकार राज्य में दूसरा जापानी निवेश क्षेत्र भी विकसित कर रही है। जापान के साथ हम न केवल निवेश, बल्कि एक स्थायी और दीर्घकालिक साझेदारी करना चाहते हैं।”

 

टोक्यो में हुई निवेशकों की इस बैठक के दौरान उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा ने जापानी निवेशकों के समक्ष राजस्थान में निवेश के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों की जानकारी दी और राज्य की नई नीतियों और शासन प्रणाली में हो रहे परिवर्तन के बारे में बताया। 

 

इसके अलावा जापानी व्यापारिक समुदाय और राजस्थान राज्य के बीच साझेदारी को चिह्नित करते हुए रोड शो में नीमराणा दिवस समारोह भी आयोजित किया गया। नीमराणा राजस्थान के अलवर जिले में एक विशेष जापानी निवेश क्षेत्र है, जहां कई जापानी कंपनियां हैं और यह देश-विशिष्ट विशेष निवेश क्षेत्र के एक सफल मॉडल के रूप में उभरा है। इसकी सफलता से प्रेरित होकर राजस्थान सरकार नीमराणा से तकरीबन 20 किलोमीटर दूर घिलोट में दूसरा जापानी निवेश क्षेत्र भी स्थापित कर रही है। निवेशकों के साथ हुई इस बैठक में राजस्थान के पर्यटन परिदृश्य को प्रदर्शित करने वाली एक फिल्म भी दिखाई गई और जापान के निवेशकों को राज्य के पर्यटन क्षेत्र में मौजूद संभावनाओं से अवगत कराया गया। 

 

निवेशकों की इस बैठक को संबोधित करते हुए जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज ने कहा, “राजस्थान भारत में सबसे अधिक निवेशक-अनुकूल और व्यापार को बढ़ावा देने वाले औद्योगिक राज्यों में से एक के रूप में उभर रहा है। लालफीताशाही को शून्य करने और व्यापार के लिए अनुकूल व सरल व्यवस्था बनाने पर पर राज्य काम कर रहा है। मैं निवेशक समुदाय और व्यापारिक समूहों से ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट— 2024 में शामिल होने का आग्रह करता हूं। यह मंच राज्य में नए व्यापार उद्यमों की खोज के लिए एक आदर्श अवसर प्रदान करेगा।”

 

इसके अलावा, मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राजस्थान सरकार के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने टोक्यो में  जापान की कुछ चुनी हुई कंपनियों के सीईओ और बिजनेस लीडर्स के साथ लंच पर मुलाकात की और उन्हें राजस्थान में अपना व्यवसाय स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया। इन जापानी बिजनेस लीडर्स में काई ग्रुप के उपाध्यक्ष ताकेशी मिजुतानी, यामाशिता रबर के अध्यक्ष और सीईओ डेसुके यामाशिता, ईएंडएच प्रिसिजन इंडिया के अध्यक्ष और सीईओ यासुहिरो हिराओका और ताकाहाटा प्रिसिजन के सीएसओ नोबुयुकी अको ने किया।

 

लंच के दौरान हुई बातचीत में मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, “राज्य सरकार निवेशकों की समस्याओं को सुलझाने और कारोबारी माहौल को सकारात्मक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम जापानी निवेशकों के साथ खास तौर पर कारोबारी रिश्ते मजबूत करना चाहेंगे। राजस्थान में ऑटोमोबाइल, इंजीनियरिंग, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम), अक्षय ऊर्जा, पर्यटन आदि क्षेत्रों में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। सरकार ने प्रशासनिक स्तर पर बड़ा बदलाव किया है और राज्य को कारोबार के लिए और अधिक अनुकूल बनाने के लिए कई नई नीतियां भी शुरू करने जा रही है।” 

 

इसके अलावा मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले इस प्रतिनिधिमंडल ने जेट्रो, काई ग्रुप, निप्पॉन स्टील ट्रेडिंग, हिताची, यामाशिता रबर, ईएंडएच प्रिसिजन, ताकाहाटा प्रिसिजन सहित कई जापानी कंपनियों के अधिकारियों के साथ बैठकें की। इन बैठकों में मुख्यमंत्री ने राज्य में निवेश करने और जापान और राजस्थान के बीच रिश्तों को मजबूत करने के लिए उनकी प्रशंसा की। 

 

रोड शो के बाद मुख्यमंत्री शर्मा ने टोक्यो में रहने वाले अनिवासी राजस्थानी (एनआरआर) समुदाय से भी मुलाकात की। यह वे लोग हैं जो वर्तमान में जापान में रह रहे हैं, लेकिन उनकी जड़ें राजस्थान में हैं। इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने अनिवासी राजस्थानियों के समुदाय से जापान में राजस्थान के दूत की भूमिका निभाने और अपने गृह राज्य में निवेश को सुविधाजनक बनाने में मदद करने का आह्वान किया। 

 

 कार्यक्रम का समापन टोक्यो में अवस्थित इंडिया हाउस में जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज द्वारा मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के लिए आयोजित रात्रिभोज से हुआ। 

 

जापान के दौरे पर गए मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में राजस्थान सरकार के उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेम चंद बैरवा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल, उद्योग और वाणिज्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा और रीको और बीआईपी के अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल हैं। टोक्यो रोडशो का आयोजन जापान में भारतीय दूतावास और जापान एक्सटर्नल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (जेट्रो) की मदद से किया गया था।

 

‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट— 2024 एक नजर में :

‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट— 2024 का आयोजन इस साल 9, 10 और 11 दिसंबर को राजधानी जयपुर में होगा। इसका आयोजन राजस्थान सरकार के तत्वाधान में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन (बीआईपी) और राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (रीको) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है, जिसका नोडल विभाग बीआईपी है। इस इन्वेस्टमेंट समिट के पहले इन्वेस्टर मीट, जो मुंबई में 30 अगस्त को आयोजित हुआ था, के दौरान राजस्थान सरकार ने विभिन्न कंपनियों के साथ 4.5 लाख करोड़ से अधिक के एमओयू  साइन किये थे।

 

इस त्रि-दिवसीय मेगा समिट का उद्देश्य देश-विदेश की बड़ी-छोटी कंपनियों, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और निवेशकों को राज्य में आ कर काम करने के लिए आमंत्रित करना, प्रदेश में विभिन्न तरह के उद्योग-धंधे लगाने में मदद करना और अन्य सुविधाएँ उपलब्ध मुहैय्या करवाना है। इस ग्लोबल समिट के दौरान कृषि, अक्षय ऊर्जा, शिक्षा और कौशल, ऑटो और ईवी, इंफ्रास्ट्रक्चर, केमिकल और पेट्रो-केमिकल, पर्यटन, स्टार्टअप, खनन और ईएसडीएम/आईटी और आईटीईएस  सहित विभिन्न क्षेत्रों पर विशेष सत्र का आयोजन होगा।

 

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