दौसा के बांदीकुई में बोरवेल के पास हुए गड्ढे में करीब 17 घंटे से फंसी 2 साल की मासूम को एनडीआरएफ ने सुरंग खोदकर बचा लिया है। बुधवार शाम 5 बजे गड्ढे में गिरी बच्ची को गुरुवार सुबह करीब 10.10 बजे सुरक्षित बाहर निकाला गया। बच्ची को बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीमों ने लगातार 12 घंटे तक खुदाई की थी।
इसके बाद आज सुबह एक पाइप के जरिए टीमें बच्ची तक पहुंची थीं। नीरू गुर्जर (2) को जैसे ही टीमों ने बाहर निकाला पूरा एरिया वंदे मातरम के नारों से गूंज उठा। मासूम को बांदीकुई हॉस्पिटल ले जाया गया है। उसकी हालत फिलहाल सही बताई जा रही है। हादसा बुधवार शाम करीब 5 बजे जोधपुरिया गांव में हुआ। यहां खेत में खेलते हुए मासूम करीब 35 फीट गहरे गड्ढे में गिर गई थी।
हॉस्पिटल में मासूम नीरू काफी खुश नजर आई। हेल्थ चेकअप में उसकी हालत ठीक बताई जा रही है।
13वें प्रयास में मिली सक्सेस
रात 2 बजे तक एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने गड्ढे से बच्ची को बाहर निकालने के लिए देसी जुगाड़ एंगल सिस्टम का उपयोग किया, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके बाद लालसोट से आई टीम ने रात 2 बजे से सुबह 5 बजे तक लगभग 10 बार एंगल सिस्टम का इस्तेमाल करके बच्ची को गड्ढे से निकालने की कोशिश की, लेकिन फिर भी वे सफल नहीं हो पाए।
रात 3 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान लालसोट से आई टीम ने बच्ची को बाहर निकालने के लिए बोरवेल के पास गड्ढे में एंगल डाला। बच्ची ने एक बार हाथ फंसाया, लेकिन जब टीम ने उसे निकालने का प्रयास किया, तो उसने तुरंत अपना हाथ बाहर निकाल लिया। बुधवार रात से गुरुवार सुबह 7 बजे तक 12 बार प्रयास किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिली। अंतिम प्रयास गुरुवार सुबह 9 बजे शुरू हुआ था। उसके बाद बच्ची को बाहर निकाला गया।
रेस्क्यू ऑपरेशन की तस्वीरें...
मासूम नीरू को सकुशल निकालने के बाद एनडीआरएफ के मेंबर्स ने कुछ इस तरह खुशी जाहिर की।
सुबह 9 बजे के करीब रेस्क्यू टीमों ने पाइप डालने का फाइनल ऑपरेशन स्टार्ट किया।
केला और चॉकलेट रस्सी से गड्ढे में डाले गए हैं जिससे कि बच्ची उन्हें लेने के लिए एंगल में हाथ फंसा ले और उसे ऊपर खींचा जा सके।
बच्ची को बाहर निकालने के लिए बोरवेल के समानांतर करीब 35 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया है। इसमें पाइप फंसाकर एनडीआरएफ के जवान अंदर जाएंगे और बच्ची को निकालने का प्रयास करेंगे।
रातभर टीमें कैमरे के जरिए बच्ची के मूवमेंट को देखती रहीं। फिलहाल बच्ची की हालत ठीक बताई जा रही है।
गुरुवार सुबह से हो रही बारिश के कारणर राहत कार्य में देरी हो रही है। जिला कलेक्टर (बाएं ओर छतरी में) और पुलिस अधिकारी रातभर से मौके पर ही हैं।
बच्ची की मां कविता का रो-रोकर बुरा हाल है। वे बीते 15 घंटे से लगातार रो रही हैं। उन्होंने कहा कि बस मेरी बच्ची को सकुशल बाहर ला दो, मुझे कुछ नहीं चाहिए।
यह बोरवेल है, जिसके पास बारिश से गड्ढा हो गया है। इस गड्ढे में बच्ची 35 फीट गहराई में फंस गई।
गड्ढे में गिरी बच्ची को ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए सिलेंडर का इस्तेमाल किया जा रहा है।
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान गड्ढे में कैमरा उतारा गया। इसमें बच्ची गड्ढे में मूवमेंट करती दिखाई दी।
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