दौसा : प्रसिद्ध आस्थाधाम मेहंदीपुर बालाजी में श्रद्धालुओं का तीन साल का इंतजार आखिरकार खत्म हो गया। निर्माण कार्य के कारण 2022 से बंद समाधि स्थल को अब आमजन के लिए खोल दिया गया है। बालाजी मंदिर ट्रस्ट के पीठाधीश्वर महंत डॉ. नरेशपुरी महाराज ने फीता काटकर और विधिवत पूजा-अर्चना कर समाधि स्थल का उद्घाटन किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
तीन साल तक चले निर्माण कार्य के बाद अब समाधि स्थल को एक भव्य और दिव्य स्वरूप दिया गया है। इसमें श्रद्धालुओं के लिए विशेष परिक्रमा पथ, सजावटी बगीचे, बैठने की सुविधाएं और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए विशेष स्थान बनाए गए हैं।
महंत डॉ. नरेशपुरी महाराज ने घोषणा की कि जल्द ही समाधि स्थल पर अखंड यज्ञ की शुरुआत होगी, जिसमें दर्जनों विद्वान पंडित धार्मिक अनुष्ठान करेंगे। इस यज्ञ के माध्यम से पूरे क्षेत्र में धर्म की गंगा प्रवाहित होगी और सनातनी संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
उद्घाटन के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु महंत गणेशपुरी महाराज और महंत किशोरपुरी महाराज की समाधि के दर्शन करने पहुंचे। श्रद्धालुओं ने समाधि स्थल की परिक्रमा की और आशीर्वाद लिया।
स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, महंत गणेशपुरी महाराज को स्वप्न में बालाजी महाराज ने दर्शन दिए और पूजा-अर्चना का भार सौंपने की बात कही। तभी से गणेशपुरी महाराज ने मंदिर की सेवा शुरू की, जो आज तक चली आ रही है।
श्रद्धालुओं की मान्यता है कि बालाजी महाराज, भैरव बाबा और प्रेतराज सरकार के दर्शन करने के बाद महंत गणेशपुरी महाराज की समाधि पर जाना आवश्यक होता है। जब तक श्रद्धालु समाधि स्थल पर मत्था नहीं टेकते, तब तक बालाजी महाराज के दर्शन अधूरे माने जाते हैं।
महंत नरेशपुरी महाराज ने कहा, "यह समाधि स्थल श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। इसे भव्य रूप में तैयार करने का उद्देश्य श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा देना है।"
समाधि स्थल के खुलने के बाद श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखा गया। अब मंदिर ट्रस्ट की योजना है कि आने वाले समय में विशेष धार्मिक आयोजन किए जाएं, जिससे अधिक श्रद्धालु लाभान्वित हो सकें।
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