बांदीकुई। शहर में बस यूनियन द्वारा अवैध रूप से संचालित जीपों के खिलाफ किए जा रहे विरोध प्रदर्शन का आज दूसरा दिन है। इस हड़ताल के कारण 65 से अधिक बसों का संचालन पूरी तरह से बंद हो गया है, जिससे आम यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है। खासकर, मेहंदीपुर बालाजी जाने वाले श्रद्धालु और दैनिक यात्रियों को इसका सबसे अधिक खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
हर दिन हजारों श्रद्धालु मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के दर्शन करने के लिए बसों का सहारा लेते हैं, लेकिन हड़ताल के चलते यात्रियों को वैकल्पिक साधनों का सहारा लेना पड़ रहा है। ट्रेनें और निजी वाहन भी फुल हो चुके हैं, जिससे यात्रियों को अतिरिक्त किराया चुकाना पड़ रहा है। कई श्रद्धालु स्टैंड पर घंटों इंतजार करने के बाद भी बस न मिलने से मायूस होकर वापस लौट रहे हैं।
स्थानीय निवासी राकेश शर्मा ने बताया, "हमें हर दिन बस से यात्रा करनी पड़ती है, लेकिन अब ऑटो और टैक्सियों के महंगे किराए की वजह से सफर करना मुश्किल हो गया है।" वहीं, सीताराम वर्मा, जो अपने परिवार के साथ बालाजी दर्शन के लिए आए थे, उन्होंने कहा, "हर बार बस से आराम से दर्शन के लिए पहुंचते थे, लेकिन इस बार हड़ताल की वजह से पूरा प्लान बिगड़ गया।"
बस यूनियन के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह राठौड़ का कहना है कि,
"अवैध जीप संचालन से बस ऑपरेटरों को भारी नुकसान हो रहा है। ये जीपें बिना किसी अनुमति के यात्रियों को ले जाती हैं और प्रशासन कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रहा। जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जातीं, हड़ताल जारी रहेगी।"
प्रशासन का कहना है कि यूनियन की मांगों पर विचार किया जा रहा है और जल्द ही इसका समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि, "हम यात्री सेवाओं को जल्द सुचारू करने के लिए चर्चा कर रहे हैं, अवैध वाहनों पर भी कार्रवाई की जाएगी।"
इस हड़ताल के कारण यात्रियों को जितनी परेशानी हो रही है, उससे सरकार और प्रशासन पर भी दबाव बढ़ गया है। उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ दिनों में कोई ठोस समाधान निकलेगा, जिससे यात्रियों को राहत मिल सकेगी।
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