करौली : उत्तर भारत के प्रसिद्ध कैला देवी मेले को देखते हुए प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने का अभियान तेज कर दिया है। करौली शहर में अस्थायी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जोरों पर है, जिसमें पुलिस, प्रशासन और नगर परिषद की संयुक्त टीमें शामिल हैं। यह अभियान मैगजीन से लेकर मासलपुर चुंगी तक चलाया जा रहा है।
प्रशासन का कहना है कि इस कार्रवाई का उद्देश्य कैला देवी मेले में आने वाले पैदल श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखना है। प्रशासन चाहता है कि यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित हो, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
हालांकि, अतिक्रमण हटाने की इस कार्रवाई का स्थानीय दुकानदारों और व्यापारियों ने विरोध किया है। उन्होंने प्रशासन पर मनमानी और नियम विरुद्ध कार्रवाई करने के आरोप लगाए हैं। इस मुद्दे को लेकर करौली नगर परिषद सभापति प्रतिनिधि सुशील शर्मा, पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष प्रहलाद सिंहल, जिला महामंत्री धीरेंद्र बैसला, नगर परिषद के पार्षद और पूर्व पार्षदों ने कलेक्टर नीलाभ सक्सेना से मुलाकात कर नाराजगी जताई। उन्होंने प्रशासन पर बिना किसी पूर्व सूचना के कार्रवाई करने का आरोप भी लगाया।
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति को टाला जा सके। स्वयं करौली कलेक्टर नीलाभ सक्सेना ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान नगर परिषद आयुक्त प्रेम राज मीणा, करौली थाना अधिकारी अध्यात्म गौतम, डीएसपी अनुज शुभम सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।
प्रशासन ने स्थानीय दुकानदारों और नागरिकों से सहयोग की अपील की है ताकि मेले के दौरान किसी प्रकार की असुविधा न हो। अधिकारियों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने की यह कार्रवाई श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए की जा रही है।
क्या रहेगा आगे?
प्रशासन अतिक्रमण हटाने की मुहिम को जारी रखेगा और इस संबंध में स्थानीय लोगों से लगातार संवाद किया जाएगा। हालांकि, व्यापारियों के विरोध को देखते हुए प्रशासन पर इस मामले को संवेदनशीलता से हल करने का दबाव बना हुआ है।
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