जयपुर : भारत सरकार ने म्यांमार-थाईलैंड बॉर्डर से 283 भारतीयों को रेस्क्यू किया है। इनमें से 8 पीड़ित राजस्थान के निवासी हैं। इनमें से एक व्यक्ति ने इस साइबर ठगी के जाल का चौंकाने वाला खुलासा किया है।
थाईलैंड में नौकरी के नाम पर भेजे गए भारतीय युवाओं को म्यांमार बॉर्डर पार कर साइबर ठगी करने के लिए मजबूर किया जाता है। 24 घंटे आर्मी की निगरानी में रखे गए इन युवाओं से जबरन 18-18 घंटे तक काम कराया जाता था।
डीडवाना के एक पीड़ित युवक ने बताया कि उसे एक आईटी कंपनी में कस्टमर सर्विस की नौकरी का झांसा देकर विदेश भेजा गया। लेकिन वहां पहुंचने के बाद पता चला कि कंपनी को म्यांमार बॉर्डर के पास शिफ्ट कर दिया गया है। बॉर्डर पार करने के बाद उसे बंधक बना लिया गया और साइबर ठगी में धकेल दिया गया।
बड़े-बड़े गैंगस्टर इन साइबर ठगी सेंटरों को चलाते हैं। मना करने पर युवाओं को यातनाएं दी जाती थीं। खाना तक नहीं दिया जाता था और अगर विरोध किया तो उन्हें अलग कमरे में कैद कर दिया जाता था।
10 मार्च को भारतीय वायुसेना ने इन युवाओं का रेस्क्यू किया। यह गिरोह बेरोजगार युवाओं को विदेश में मोटी सैलरी का लालच देकर ठगता है और फिर उन्हें साइबर अपराध में धकेल देता है।
अगर आप विदेश में नौकरी के बारे में सोच रहे हैं, तो पूरी तरह से जांच-पड़ताल करें। किसी भी अनजान एजेंसी के जरिए नौकरी के ऑफर पर बिना जांचे-परखे भरोसा न करें।
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