झुंझुनूं : राजस्थान में भाजपा सरकार के यूडीएच मंत्री झाबरसिंह खर्रा अपनी ही पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के निशाने पर आ गए हैं। झुंझुनूं जिले के चिड़ावा में नगरपालिका ईओ (कार्यपालक अधिकारी) को लेकर भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भाजपा के जिला महामंत्री और पूर्व विधानसभा प्रत्याशी राजेश दहिया ने मंत्री झाबरसिंह खर्रा पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि उनके फैसलों के कारण मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की छवि खराब हो रही है।
मामला चिड़ावा के एक निजी अस्पताल से जुड़ा है, जहां अस्पताल संचालकों डॉ. देवेंद्र चाहर और डॉ. शिवा चाहर ने फायर NOC नहीं मिलने और रिश्वत मांगे जाने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नगरपालिका ईओ रोहित मील और वरिष्ठ सहायक संजय कुमार ने उनसे 35 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। साथ ही, पूर्व में स्वीकृत एक भवन पर बुलडोजर चलाने की धमकी भी दी गई।
भाजपा नेता राजेश दहिया ने इस मामले में मंत्री झाबरसिंह खर्रा की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने ही ईओ रोहित मील को नियुक्त करवाया था। जब जनता और भाजपा कार्यकर्ताओं ने ईओ के खिलाफ शिकायतें कीं, तब भी मंत्री ने कोई कार्रवाई नहीं की।
उन्होंने कहा,
"जब जनता और भाजपा कार्यकर्ता लगातार ईओ के खिलाफ शिकायत कर रहे हैं, तो मंत्री जी को अपने निजी प्रेम को छोड़कर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। अब जनता सड़कों पर उतर आई है।"
भाजपा नेताओं ने यह मामला पार्टी के वरिष्ठ नेताओं तक पहुंचाने की बात कही है और जल्द ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भी अवगत कराने की योजना बना रहे हैं।
विवाद के बाद ईओ रोहित मील ने खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि एक अवैध रूप से बनाई गई इमारत को बचाने के लिए यह झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।
वहीं, उपचार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. कमलचंद सैनी ने चेतावनी दी कि अगर पांच दिन के अंदर ईओ और वरिष्ठ सहायक पर कार्रवाई नहीं होती, तो पहले पूरे झुंझुनूं जिले में और फिर पूरे प्रदेश में पैन डाउन हड़ताल की जाएगी।
इस विवाद के चलते भाजपा सरकार के अंदर ही घमासान तेज हो गया है और आने वाले दिनों में यह मामला और तूल पकड़ सकता है।
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