Download App Now Register Now

Rajasthan: माली समाज द्वारा आयोजित भव्य गैर नृत्य कार्यक्रम, युवाओं की बढ़ती भागीदारी से मिली नई पहचान

राजस्थान : के विभिन्न क्षेत्रों में होली महोत्सव के अवसर पर पारंपरिक गैर नृत्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। विशेष रूप से बालोतरा में माली समाज द्वारा आयोजित भव्य गैर नृत्य महोत्सव ने अपनी भव्यता और सांस्कृतिक छटा के कारण सभी का ध्यान आकर्षित किया। पिछले 19 वर्षों से माली समाज इस आयोजन को बड़े स्तर पर आयोजित कर रहा है, जिसमें युवा और बुजुर्ग मिलकर इस परंपरा को जीवंत बनाए हुए हैं।

कार्यक्रम में सैकड़ों कलाकारों ने रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों में ढोल-नगाड़ों की थाप पर उत्साहपूर्वक गैर नृत्य किया। दर्शकों ने इस सांस्कृतिक आयोजन का भरपूर आनंद लिया। खास बात यह रही कि युवाओं की भागीदारी निरंतर बढ़ रही है, जिससे इस कला को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में मदद मिल रही है।

गैर नृत्य की प्रशंसा और गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति

इस आयोजन में कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत और पचपदरा विधायक अरुण चौधरी सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। मंत्री गहलोत ने गैर नृत्य की प्रशंसा करते हुए इसे संस्कृति और सामाजिक एकता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा मिलता है और नई पीढ़ी को अपनी परंपराओं से जोड़ने का अवसर मिलता है।

विदेशों तक फैली गैर नृत्य की पहचान

गैर नृत्य अब केवल राजस्थान तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली है। डेजर्ट ट्रेडिशनल आर्ट एंड यूथ सेंटर ने इस कला को प्रमोट करने में अहम भूमिका निभाई है। 2005 और 2009 में नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में भी इसकी शानदार प्रस्तुति दी गई।

बालोतरा के जसोल, असाडा, जागसा, बुड़ीवाड़ा, आसोतरा, कुड़ी, किटनोद और बिठूजा जैसे गांवों की गैर नृत्य टीमों ने देश-विदेश में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को गौरवान्वित किया है।

लोक नृत्यों की मनमोहक प्रस्तुतियां

गैर नृत्य के साथ-साथ आंगी-बागी गैर, तलवार गैर, कालबेलिया, छतरी गेर, डांडिया गेर और भवाई नृत्य जैसी अन्य लोक कलाओं की भी शानदार प्रस्तुतियां हुईं। हर प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और राजस्थान की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित किया।

संस्कृति और परंपरा को सहेजने की पहल

माली समाज द्वारा इस तरह के आयोजन हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और नई पीढ़ी को इससे जोड़ने का महत्वपूर्ण प्रयास हैं। आयोजकों ने अगले वर्ष इसे और भव्य रूप से आयोजित करने की योजना बनाई है, जिससे राजस्थान की समृद्ध संस्कृति को वैश्विक मंच पर और भी अधिक पहचान मिल सके।

गैर नृत्य महोत्सव केवल एक नृत्य कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक विरासत, सामाजिक एकता और परंपराओं को आगे बढ़ाने का प्रतीक है।

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

Related News

All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.

BREAKING NEWS
REET मामले में CBI जांच की याचिका खारिज होने पर सियासी बवाल, डोटासरा बोले- 2 साल से मगरमच्छ ही पकड़ रहे | सीएम भजनलाल शर्मा ने आम लोगों को दी बड़ी सौगात, 10 हजार करोड़... पत्रकार हेल्थ कवरेज योजना और चिकित्सा ऐप | जयपुर पुलिस कमिश्नर को अपशब्द बोलने वाला कॉन्स्टेबल गिरफ्तार: वीडियो में 6 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ गलत शब्दों का इस्तेमाल किया | डोटासरा बोले- बीजेपी-RSS के हारे हुए नेताओं ने गदर मचाया:राठौड़, तिवाड़ी और चतुर्वेदी की कमेटी अफसरों को बुलाकर डांटती है, सरकार को हाईजैक किया | Rajasthan Assembly: टीकाराम पर राज्यवर्धन का तंज, बोले- नेता प्रतिपक्ष के साथ-साथ डिप्टी स्पीकर भी बनना चाहते हैं जूली | Rana Sanga Controversy: सपा सांसद की राणा सांगा पर टिप्पणी के खिलाफ प्रदेशभर में आक्रोश, पुलिस थाने में भी शिकायत | राजस्थान के इस जिले में पिछले 3 साल से रोजाना एक शख्स कर रहा आत्महत्या, अबतक 1750 लोगों ने किया सुसाइड | Rajasthan Politics: बजट सत्र के बाद राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों की तैयारी, वसुंधरा सहित सभी खेमों को साधने की होगी कवायद | Udaipur: डॉक्टरों की पार्टी में हो गई मारपीट, चिकित्सक ने शराब पीने से किया इनकार तो जमकर पीटा | शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने महिला सरपंच को दी चेतवानी, बोले- अगर 8 दिन के काम नहीं हुआ तो... |