जयपुर : राजस्थान की राजधानी जयपुर में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACJM) कोर्ट-6 में गुरुवार को हनुमानगढ़ एसपी अरशद अली की पेशी के दौरान एक अजीब वाकया हुआ। पिछले एक साल से कोर्ट के समक्ष पेश होने के आदेश के बावजूद गैरहाजिर रहने पर कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट से साक्ष्य पेश करने के लिए तलब किया था। जब वे पेश हुए, तो उनके व्यवहार से नाराज जज कल्पना पारीक ने उन्हें दो घंटे की न्यायिक अभिरक्षा में खड़ा रखने का आदेश दिया।
एसपी अरशद अली को पिछले एक साल से बार-बार तलब किया जा रहा था, लेकिन वे पेश नहीं हो रहे थे।
जब गुरुवार को वे कोर्ट पहुंचे, तो जज के आने पर वह अपनी कुर्सी से नहीं उठे और गिरफ्तारी वारंट पर आपत्ति जताई।
जज कल्पना पारीक ने इसे कोर्ट की अवमानना माना और उन्हें दो घंटे तक न्यायिक अभिरक्षा में कोर्ट के बाहर खड़े रहने का आदेश दिया।
लंच के बाद जब दोबारा सुनवाई शुरू हुई, तो एसपी अरशद अली ने कोर्ट से माफी मांगी और अपनी खराब तबीयत का हवाला दिया।
इसके बाद कोर्ट ने उन्हें बैठने की अनुमति दी, लेकिन साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए और समय देने से इनकार कर दिया।
एसपी अरशद अली ने कहा कि वे कोर्ट का सम्मान करते हैं और आदेश का पालन करेंगे।
एसपी अरशद अली ने कहा, "कोर्ट ने मौखिक रूप से नाराजगी जाहिर की कि मैं इतने समय तक उपस्थित क्यों नहीं हुआ। मैंने अपनी स्थिति स्पष्ट की है। अगर कोर्ट लिखित में जवाब मांगेगी, तो दूंगा। मैं कोर्ट का सम्मान करता हूं और आदेश का पालन करूंगा।"
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