राजस्थान सरकार : ने हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने और प्राकृतिक गैस की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। पाली से जोधपुर तक 83 किलोमीटर लंबी CNG-PNG पाइपलाइन बिछाने की मंजूरी दी गई है। इस परियोजना पर 120 करोड़ रुपये की लागत आएगी और यह आगामी 24 से 30 महीनों में पूरी होगी। इस पाइपलाइन के जरिए सीएनजी (CNG) और पीएनजी (PNG) की उपलब्धता सुगम होगी और जोधपुर सहित अन्य क्षेत्रों को पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा मिलेगी।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार ने पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) से लगातार आग्रह किया, जिसके बाद इस महत्वपूर्ण परियोजना को स्वीकृति मिली। इस परियोजना के लिए जीएसपीएल इंडिया गैसनेट और एजीएंडपी के बीच करार पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य में CNG और PNG की उपलब्धता बढ़ाने, वैट दरों में कमी करने और ढांचागत विकास पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं।
गैस आपूर्ति में सुधार:
पाली से जोधपुर तक प्राकृतिक गैस की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
इससे जोधपुर, जैसलमेर और बाड़मेर में 675 किलोमीटर दूर से क्रायोजेनिक टैंकरों द्वारा लाई जाने वाली गैस की निर्भरता समाप्त हो जाएगी।
समय और लागत की बचत:
गैस ट्रांसपोर्टेशन में लगने वाले समय और खर्च में उल्लेखनीय कमी आएगी।
स्थानीय स्तर पर CNG और PNG की आपूर्ति आसानी से संभव होगी।
पर्यावरण संरक्षण:
यह परियोजना हरित ऊर्जा को बढ़ावा देगी और प्रदूषण को कम करने में मदद करेगी।
पारंपरिक ईंधन की तुलना में CNG-PNG अधिक पर्यावरण अनुकूल है।
आर्थिक विकास को बढ़ावा:
CNG और PNG की उपलब्धता बढ़ने से व्यवसायों और उद्योगों को सस्ता और स्वच्छ ईंधन मिलेगा।
गैस पाइपलाइन नेटवर्क के विस्तार से नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
पेट्रोलियम निदेशक अजय शर्मा ने बताया कि पाइपलाइन बिछाने का कार्य जल्द शुरू होगा और इसे निर्धारित समय में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने CNG-PNG ढांचे के विकास और गैस आपूर्ति को सुगम बनाने के लिए संस्थाओं व संबंधित विभागों के बीच समन्वय बढ़ाने पर जोर दिया है।
सरकार की योजना राज्यभर में CNG स्टेशनों की संख्या बढ़ाने और घरेलू पाइपलाइन कनेक्शन का विस्तार करने की भी है। इस परियोजना के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद राजस्थान में अन्य शहरों को भी CNG-PNG आपूर्ति से जोड़ा जाएगा।
पाली से जोधपुर तक CNG-PNG पाइपलाइन परियोजना राजस्थान में हरित ऊर्जा के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल गैस आपूर्ति में सुधार होगा बल्कि समय और लागत की बचत, पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार की इस पहल से आम जनता को सस्ती, स्वच्छ और सुलभ ऊर्जा मिलेगी, जिससे राजस्थान के विकास को गति मिलेगी।
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