जयपुर : पंचायती राज मंत्री ओटाराम देवासी ने चैत्र नवरात्रि को ध्यान में रखते हुए प्रदेशभर में मांस की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर आग्रह किया कि नवरात्रि के पावन अवसर पर जीव हत्या बंद कर मांस की दुकानों को अस्थायी रूप से बंद किया जाए। उनका कहना है कि यह त्योहार हिंदू समाज की आस्था से जुड़ा है, ऐसे में मांस बिक्री पर रोक लगाना आवश्यक है।
देवासी ने पत्र में क्या लिखा?
देवासी ने अपने पत्र में लिखा कि आगामी 30 मार्च से चैत्र नवरात्रि प्रारंभ हो रही है। यह पर्व श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इन नौ दिनों में भक्त उपवास रखते हैं और देवी मां की पूजा-अर्चना करते हैं। भारतीय सनातन परंपरा के अनुसार, चैत्र नवरात्रि से हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत होती है। उन्होंने आग्रह किया कि धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए पूरे राजस्थान में मांस की बिक्री पर रोक लगाई जाए।
उन्होंने प्रदेशवासियों से भी अपील की कि नवरात्रि के दौरान मांस की दुकानों को बंद रखें, जीव हत्या से परहेज करें और धार्मिक पवित्रता बनाए रखें। साथ ही, भगवान राम के जन्मोत्सव को ध्यान में रखते हुए 6 अप्रैल तक प्रदेशभर में मांस की बिक्री बंद रखने की मांग की गई है।
पहले भी उठा चुके हैं आवाज
यह पहली बार नहीं है जब देवासी ने धार्मिक मुद्दों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इससे पहले उन्होंने राजस्थान के प्रसिद्ध हिल स्टेशन माउंट आबू का नाम बदलकर ‘आबूराज’ करने की मांग की थी। इसके साथ ही उन्होंने वहां शराब और मांस की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी। देवासी का कहना था कि माउंट आबू एक पवित्र तपोभूमि है, लेकिन पर्यटन के नाम पर वहां खुलेआम शराब और मांस बेचा जा रहा है, जिससे सनातन प्रेमियों की भावनाएं आहत हो रही हैं।
मांस बिक्री पर रोक का कितना असर?
राजस्थान में नवरात्रि के दौरान मांस बिक्री पर रोक पहले भी विभिन्न संगठनों द्वारा उठाई जाती रही है। कुछ शहरों में स्थानीय प्रशासन द्वारा इस तरह की पाबंदी लागू भी की जाती है। हालांकि, इसे लेकर हमेशा बहस बनी रहती है कि धार्मिक आधार पर इस तरह के प्रतिबंध कितने प्रभावी और आवश्यक हैं। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री इस मांग पर क्या निर्णय लेते हैं।
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