अजमेर : के केसरगंज स्थित ईदगाह में सोमवार को ईद-उल-फितर की नमाज अदा की गई। हजारों की संख्या में लोगों ने नमाज पढ़ी और अल्लाह से अमन-शांति की दुआ मांगी। नमाज के बाद लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी।
अजमेर दरगाह दीवान के बेटे सैयद नसरुद्दीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रमजान के मौके पर भेजी गई ‘सौगात-ए-मोदी’ किट की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस पहल से जरूरतमंद मुसलमानों को राहत मिली है और पीएम मोदी को उनकी दुआएं मिलेंगी। इससे यह भी साबित होता है कि प्रधानमंत्री सभी धर्मों के त्योहारों में बराबरी से शामिल होते हैं।
वक्फ बिल को लेकर पूछे गए सवाल पर सैयद नसरुद्दीन ने कहा कि इसका गलत मतलब निकाला जा रहा है। यह कहना कि सरकार दरगाहों या मस्जिदों पर कब्जा कर लेगी, पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बिल को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजा है, जहां सभी पक्षों को सुना गया है। इस कानून के आने से पारदर्शिता बढ़ेगी, अतिक्रमण हटेगा और संपत्तियों के किराए में सुधार होगा, जिससे वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग हो सकेगा।
चिश्ती फाउंडेशन के चेयरमैन हाजी सलमान चिश्ती ने भी पीएम मोदी की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा द्वारा शुरू की गई ‘सौगात-ए-मोदी’ योजना 32 लाख जरूरतमंद परिवारों तक पहुंची है, जो एक सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि भारत में सभी धर्मों को एक परिवार की तरह रहना सिखाया जाता है, और यह पहल उसी भावना को दर्शाती है।
ईद के इस खास मौके पर अजमेर में भाईचारे और सौहार्द का खूबसूरत नजारा देखने को मिला।
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