राजस्थान: राज्य की जेलों से वीवीआईपी को लगातार मिल रही धमकियों के बाद सरकार ने जेलों में पनप रहे गैंगों को तोड़ने के लिए एक नया कदम उठाया है। डीजी जेल गोविंद गुप्ता ने जेलकर्मियों को एक नया ऑफर दिया है, जिसमें कहा गया है कि जेलों में बंदियों के पास मौजूद मोबाइल फोन पकड़वाने पर उन्हें इनाम और प्रमोशन मिलेगा।
राजस्थान की जेलों से सीएम, डिप्टी सीएम सहित कई बड़े वीवीआईपी को पिछले एक साल में जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। हाल ही में डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा को भी जेल से धमकी दी गई थी। अपराधी ने खुलासा किया था कि जेल में एसटीडी-पीसीओ चला रहे हैं, जहां एक मिनट की बात के लिए 100 रुपए वसूले जाते हैं।
डीजी जेल ने जेलकर्मियों के लिए मोबाइल फोन और प्रतिबंधित सामग्री पकड़ने के लिए निगरानी बढ़ाने का आदेश दिया है। आदेश में कहा गया है कि यदि जेलकर्मी अवैध गतिविधियों को पकड़वाने में मदद करते हैं और प्रभावी कार्रवाई होती है, तो उन्हें प्रमोशन और विशेष लाभ दिए जाएंगे।
जेलों पर छापेमारी के बाद कई जेल प्रहरियों को सस्पेंड भी किया गया था। इसके अलावा जैमर लगाने की योजना भी बनाई गई है, ताकि जेल में मोबाइल फोन के इस्तेमाल को रोका जा सके।
विधानसभा में भी जेलों से धमकियों का मुद्दा जोर-शोर से उठ चुका है। पिछले महीने 26 मार्च को डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा को जेल से जान से मारने की धमकी दी गई थी। इसके दो दिन बाद ही बीकानेर जेल से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भी धमकी दी गई थी।
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