राजस्थान : में समाज के विभिन्न वर्गों में गुस्से की लहर दौड़ गई है, जब समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजीलाल सुमन ने इतिहासकार महाराणा सांगा पर विवादित बयान दिया। उनके इस बयान के बाद, राजपूत समाज ने इसे राष्ट्र के स्वाभिमान पर हमला मानते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। खासकर कोटा, करौली, और अन्य जिलों में लोगों ने उनके खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की।
सपा सांसद के बयान पर गुस्सा फूटा
मंगलवार को, राजस्थान में राजपूत समाज ने सपा सांसद रामजीलाल सुमन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि सांसद ने राष्ट्र नायक और वीरता के प्रतीक महाराणा सांगा का अपमान किया है। इस मामले में आक्रोशित राजपूत समाज ने कई जगहों पर सांसद के पुतले फूंके और उनके खिलाफ नारेबाजी की।
कोटा में तो विरोध इतना बढ़ गया कि प्रदर्शनकारियों ने सांसद की जीभ काटने की धमकी भी दी। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि महाराणा सांगा का ऐतिहासिक योगदान और वीरता कभी भुलाया नहीं जा सकता, और ऐसे में सांसद का बयान देश के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वाला था।
कोटा में जीभ काटने की धमकी
कोटा में राजपूत समाज के लोगों ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने महाराणा सांगा का अपमान कर राष्ट्र के गौरव को ठेस पहुंचाई है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर सांसद कोटा की धरती पर आए तो उनकी जीभ काट ली जाएगी।
प्रदर्शनकारी आगे कहते हैं कि यह मामला राष्ट्रद्रोह के तहत आता है और सांसद पर राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की कि सपा सांसद की सदस्यता तुरंत प्रभाव से समाप्त की जाए।
करौली में करणी सेना का विरोध प्रदर्शन
इसी तरह, करौली में भी राजपूत करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और सपा सांसद रामजीलाल सुमन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने पहले पुरानी कलेक्ट्रेट चौराहे पर सांसद का पुतला फूंका, फिर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
करणी सेना के जिला अध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह जादौन ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी एक सांसद द्वारा अशोभनीय है। उन्होंने कहा कि सांसद और संवैधानिक पदों पर बैठे अधिकारियों से ऐसी उम्मीद नहीं की जाती। उन्होंने सांसद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और उनकी राज्यसभा सदस्यता को खत्म करने की अपील की।
राजनीति से प्रेरित बयानबाजी पर चिंता
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के जिला संचालक देवी सिंह ने कहा कि आजकल राजनीति से प्रेरित होकर लोग महापुरुषों और देश के प्रतिष्ठित व्यक्तियों पर विवादित टिप्पणी करने लगे हैं। उनका कहना था कि इस तरह की बयानबाजी से समाज में दुश्मनी और नफरत फैलती है, और यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।
देवी सिंह ने कहा कि राजनीति में स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं है कि कोई भी व्यक्ति ऐतिहासिक और राष्ट्र के प्रतीकों पर अनुचित टिप्पणी करे। इस तरह की घटनाएं समाज में एकता को कमजोर करती हैं।
निष्कर्ष
राजपूत समाज के द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन यह दर्शाते हैं कि महाराणा सांगा जैसे ऐतिहासिक नायक के अपमान को वे बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसके साथ ही, समाज का यह स्पष्ट संदेश है कि देश के महान व्यक्तित्वों का सम्मान किया जाना चाहिए और किसी भी टिप्पणी से पहले उसके ऐतिहासिक महत्व को समझना जरूरी है।
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