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Siddharth Yadav: 'बेबी तू आया नहीं मुझे लेने...', पार्थिव शरीर से मंगेतर की आखिरी बात

रेवाड़ी/भालखी माजरा — भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव को उनके पैतृक गांव भालखी माजरा (जिला रेवाड़ी, हरियाणा) में शुक्रवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। पूरा गांव, हर आंख नम और हर चेहरा गर्व से भरा था। लेकिन उस माहौल को सबसे ज्यादा चीर रही थी मंगेतर सानिया की करुण पुकार— "बेबी, तू आया नहीं मुझे लेने... तूने कहा था, तू आएगा।"


मां बोली – "मुझे मेरे बेटे पर गर्व है", बेटे का चेहरा देख बेहोश हुईं

सिद्धार्थ यादव के पार्थिव शरीर को जैसे ही उनके घर लाया गया, वहां मौजूद हर इंसान की आंखें भर आईं। मां ने जैसे ही बेटे को देखा, रोते-रोते बेहोश हो गईं। वायुसेना के जवानों ने मां को सिद्धार्थ की टोपी पहनाई और एक अंतिम सलामी दी। जवानों ने सिद्धार्थ की तस्वीर मां को दी और कहा—"आपका बेटा अब अमर हो गया है।"


मंगेतर की चीखें – रिश्तों की गहराई और बलिदान की कहानी

23 मार्च को सगाई हुई थी। 2 नवंबर को शादी होनी थी। सपने बुन लिए गए थे, रस्में तय हो चुकी थीं, लेकिन किस्मत ने कुछ और ही लिखा था। जब सिद्धार्थ का शव गांव पहुंचा, मंगेतर सानिया उनके पार्थिव शरीर से लिपट गईं और बोलीं—
"एक बार चेहरा दिखा दो... बेबी, तू कहा था आएगा, लेकिन अब आया तो हमेशा के लिए चुप होकर..."
यह सुनते ही वहां मौजूद लोग खुद को संभाल नहीं सके।


सैनिक परिवार की गौरवशाली परंपरा

सिद्धार्थ चौथी पीढ़ी के सैनिक थे।

  • परदादा ब्रिटिश काल में बंगाल इंजीनियर्स में

  • दादा पैरामिलिट्री फोर्स में

  • पिता सुशील यादव भारतीय वायुसेना में रह चुके हैं और वर्तमान में LIC में कार्यरत हैं।

सिद्धार्थ ने 2016 में NDA परीक्षा पास की थी। तीन साल की कठिन ट्रेनिंग के बाद वह वायुसेना में फाइटर पायलट बने और हाल ही में उन्हें फ्लाइट लेफ्टिनेंट पद पर प्रमोशन मिला था। उनका सपना था कि एक दिन Chief of Air Staff बनें।


दुर्घटना का दिन – जब आसमान ने अपना ही सितारा निगल लिया

2 अप्रैल 2025 को जामनगर, गुजरात से एक नियमित उड़ान के दौरान भारतीय वायुसेना का जगुआर फाइटर विमान तकनीकी खराबी के चलते क्रैश हो गया। हादसे में सिद्धार्थ यादव शहीद हो गए, जबकि उनका साथी मनोज कुमार सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया।


सरकारी सम्मान और जनता की श्रद्धांजलि

अंतिम संस्कार में पूर्व मंत्री डॉ. बनवारी लाल, बावल विधायक डॉ. कृष्ण कुमार, एसडीएम सुरेंद्र सिंह, डीएसपी जोगेंद्र शर्मा, जिला परिषद चेयरमैन मनोज यादव सहित हजारों लोग मौजूद रहे। सभी ने पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद को अंतिम श्रद्धांजलि दी।


परिवार का संकल्प – सिद्धार्थ का सपना अब और लोग पूरा करेंगे

पिता सुशील यादव ने कहा,

“मेरा बेटा Chief of Air Staff बनना चाहता था। वो सपना अधूरा रह गया, लेकिन अब ये गांव और देश के और बच्चे सिद्धार्थ बनेंगे। मुझे मेरे बेटे पर गर्व है।”

Written By

Monika Sharma

Desk Reporter

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