राजस्थान के टोंक जिले : के देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में हुए चर्चित थप्पड़कांड और समरावता हिंसा की जांच पूरी कर ली गई है। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) ने इस मामले पर अपनी 23 पन्नों की रिपोर्ट राज्य सरकार को 2 अप्रैल 2025 को सौंपी।
13 नवंबर 2024 को उपचुनाव के दिन निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने मतदान केंद्र पर एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारा।
आरोप था कि नरेश मीणा बूथ में जबरन घुसने की कोशिश कर रहे थे। रोकने पर एसडीएम पर हमला हुआ।
बाद में पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया, लेकिन ग्रामीणों ने उन्हें छुड़ा लिया।
घटना के अगले दिन जब पुलिस ने मीणा को दोबारा गिरफ्तार करने की कोशिश की, तो समरावता गांव में हिंसा भड़क गई।
पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हुई, जिसमें कई लोग घायल हो गए।
आयोग की 6 सदस्यीय टीम, जिसकी अध्यक्षता निरूपम चमका ने की, ने 3 महीने की जांच के बाद रिपोर्ट तैयार की।
रिपोर्ट में SDM की भूमिका, मालपुरा ब्लॉक अधिकारी, और एरिया मजिस्ट्रेट की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं।
पुलिस की कार्रवाई को भी पक्षपातपूर्ण और “शांति भंग करने वाली” बताया गया है।
रिपोर्ट में नरेश मीणा का एसडीएम को थप्पड़ मारना गलत माना गया है।
लेकिन, साथ ही एसडीएम पर वोटिंग में गड़बड़ी के आरोप को भी नजरअंदाज नहीं किया गया।
मुख्य सचिव सुधांशु पंत, डीजीपी उत्कल रंजन साहू, और जनजाति क्षेत्र विकास विभाग के सचिव आशुतोष पेडणेकर को रिपोर्ट भेजी गई है।
30 दिन के भीतर संबंधित अधिकारियों और दोषियों पर कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है।
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