बूंदी, राजस्थान : राजस्थान के बूंदी जिले के कुनेठिया गांव में शनिवार को गेहूं की फसल में अचानक लगी भीषण आग ने 35 बीघा खेत को राख में बदल दिया। इस हादसे में दो किसान झुलस गए, जिन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे के बाद गांव में हड़कंप मच गया और लोगों ने प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ विरोध जताया।
अब तक आग लगने के सटीक कारणों का पता नहीं चल सका है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय पर दमकल पहुंच जाती, तो नुकसान को टाला जा सकता था। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि देखते ही देखते पूरा खेत जल गया।
जब किसान आग पर काबू पाने के लिए दौड़े तो दो किसान झुलस गए, जिन्हें स्थानीय लोगों ने तुरंत अस्पताल पहुंचाया।
घटना के बाद गांववालों ने बिजोलिया-बूंदी मार्ग पर जाम लगा दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। उनका आरोप था कि सूचना के बावजूद दमकल काफी देर से पहुंची, जिससे छोटी आग ने विकराल रूप ले लिया।
सूचना मिलने के बाद तीन दमकलें मौके पर पहुंचीं, और करीब 3 घंटे की मेहनत के बाद आग पर काबू पाया गया।
घटना की जानकारी मिलते ही बूंदी SDM एच.डी. सिंह, तहसीलदार अर्जुन लाल मीणा, और पुलिस उपाधीक्षक अरुण मिश्रा पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने ग्रामीणों से बातचीत कर जाम खुलवाया।
इस हादसे में किसानों को लाखों रुपये की फसल हानि हुई है। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल मुआवजे और सहायता की मांग की है। किसानों का कहना है कि हर साल ऐसी घटनाएं होती हैं, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकलता।
कुनेठिया गांव की इस दुखद घटना ने एक बार फिर गांवों में आपदा प्रबंधन की कमजोरियों को उजागर कर दिया है।
अब देखना यह है कि प्रशासन दोषियों पर क्या कार्रवाई करता है और पीड़ित किसानों को कितना मुआवजा मिलता है।
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