जयपुर : रेप केस में दोषी करार दिए जा चुके आसाराम बापू को राजस्थान हाईकोर्ट से एक बार फिर अंतरिम राहत मिली है। कोर्ट ने इलाज के आधार पर उन्हें 30 जून तक अंतरिम जमानत दी है। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने यह फैसला याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया, जिसमें आसाराम के अधिवक्ताओं ने चिकित्सा कारणों का हवाला देते हुए जमानत बढ़ाने की मांग की थी।
हाईकोर्ट ने माना कि इलाज के लिए फिलहाल राहत देना जरूरी है, लेकिन साथ ही पिछली शर्तों के उल्लंघन को लेकर चिंता भी जाहिर की। कोर्ट ने प्रवचन के वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए कहा कि ये सुप्रीम कोर्ट की शर्तों का स्पष्ट उल्लंघन है।
इसपर कोर्ट ने आसाराम के वकील से शपथ पत्र की मांग की, ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि शर्तों का उल्लंघन नहीं हुआ।
अनुयायियों से समूह में न मिलना
कोई भी सभा या प्रवचन न देना
मीडिया से बात न करना
सुरक्षा में तैनात तीन पुलिसकर्मियों का खर्च खुद वहन करना
लेकिन सोशल मीडिया पर प्रवचन के वायरल वीडियो इन शर्तों के उल्लंघन की ओर इशारा करते हैं।
पीड़िता की ओर से अंतरिम जमानत रद्द करने की याचिका भी दायर की गई थी, जिसमें कहा गया कि आसाराम कोर्ट की शर्तों का पालन नहीं कर रहे हैं। अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में ऐसे उल्लंघन प्रमाणित होते हैं तो जमानत रद्द की जा सकती है।
आसाराम इस समय एक निजी अस्पताल में इलाजरत हैं। इलाज की आवश्यकता को देखते हुए ही उन्हें यह अंतरिम राहत दी गई है। अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट द्वारा मांगे गए शपथ पत्र की जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी कि यह जमानत आगे भी जारी रहेगी या नहीं।
रेप केस में दोषी आसाराम को भले ही कोर्ट से चिकित्सा आधार पर राहत मिल गई हो, लेकिन शर्तों के उल्लंघन का मामला उनकी आगे की जमानत पर असर डाल सकता है। कोर्ट की नजरें अब उनके हर कदम पर हैं। आने वाले समय में यह देखना अहम होगा कि क्या वह शर्तों का पालन करते हैं या फिर उनकी जमानत रद्द होती है।
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