राजस्थान : में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए चलाई जा रही RGHS (Rajasthan Government Health Scheme) में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है।
डॉक्टरों और मेडिकल स्टोर संचालकों पर आरोप है कि उन्होंने एक ही मरीज के नाम पर कई बार फर्जी रिपोर्ट अपलोड कर के स्कीम के तहत भारी-भरकम भुगतान लिया।
जांच में सामने आया कि कुछ डॉक्टर और मेडिकल स्टोर्स ने फर्जी मेडिकल रिपोर्ट तैयार कर एक ही मरीज के नाम पर बार-बार क्लेम किया।
यह घोटाला कई करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
अब तक इस मामले में 275 मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस रद्द किए जा चुके हैं।
मेडिकल स्टोर्स को RGHS स्कीम से डिस्पेनल भी कर दिया गया है।
राज्य के चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा:
“RGHS योजना वित्त विभाग के अधीन आती है। यदि हमें वित्त विभाग से कोई शिकायत प्राप्त होती है, तो संबंधित डॉक्टरों पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चाहे मामला ऑर्गन ट्रांसप्लांट से जुड़ा हो या किसी अन्य तरह के फर्जीवाड़े से, कार्रवाई में किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
वित्त विभाग की तरफ से बताया गया कि:
अब तक 100 से ज्यादा मामलों की पहचान की जा चुकी है।
इन मामलों में शिक्षा विभाग के कई शिक्षक भी शामिल हैं।
यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो FIR दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
चिकित्सा विभाग ने बताया कि जिन डॉक्टरों और मेडिकल संचालकों ने गबन किया है, उनसे रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
राजस्थान सरकार की RGHS स्कीम, जो कि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स की स्वास्थ्य सुविधा के लिए शुरू की गई थी, आज एक करोड़ों के घोटाले में बदल चुकी है।
सरकार ने इस पर गंभीर संज्ञान लेते हुए कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। आने वाले दिनों में और भी बड़े नामों के सामने आने की उम्मीद है।
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