राजस्थान : के सीकर स्थित वेदांता पीजी कॉलेज में सोमवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब MSc की एक इंटर्न छात्रा पटाखे छोड़ने वाली पिस्टल लेकर कॉलेज परिसर में पहुंच गई। छात्रा ने न केवल स्टॉफ को धमकाया, बल्कि स्टाफ रूम में जमकर तोड़फोड़ भी की। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और काफी मशक्कत के बाद छात्रा को शांति भंग करने के आरोप में हिरासत में लिया गया।
छात्रा के हाथ में पिस्टल देख स्टॉफ के होश उड़ गए।
बताया गया कि यह फायरिंग नहीं बल्कि पटाखा छोड़ने वाली पिस्टल थी, लेकिन डर का माहौल बन गया था।
छात्रा ने स्टाफ को कोने में खड़ा कर दिया और रूम में तोड़फोड़ की।
हिरासत में लेने के बाद छात्रा ने मीडिया से बातचीत में स्टॉफ पर मानसिक टॉर्चर का आरोप लगाया।
छात्रा का कहना था कि पिछले कई दिनों से उसे परेशान किया जा रहा था, जिससे परेशान होकर उसने यह कदम उठाया।
थाना प्रभारी सुरेश कुमार के अनुसार, छात्रा मानसिक रूप से अस्थिर प्रतीत हो रही थी।
पुलिस ने छात्रा को शांति भंग की धारा में हिरासत में लेकर तहसीलदार के सामने पेश किया।
छात्रा के परिजनों को सूचित कर दिया गया है।
कॉलेज की प्राचार्या शुभ्रा शर्मा ने मामले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है, उन्होंने कहा कि वह छुट्टी पर हैं।
क्या कॉलेज प्रशासन ने छात्रा की परेशानी को पहले कभी गंभीरता से लिया था?
अगर छात्रा वाकई मानसिक रूप से अस्थिर थी, तो कॉलेज ने अब तक क्या कदम उठाए?
क्या इस घटना से शिक्षा संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य की उपेक्षा उजागर होती है?
यह घटना न सिर्फ एक सुरक्षा चूक, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता की कमी को भी उजागर करती है। पुलिस जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि छात्रा की बातों में कितनी सच्चाई है और कॉलेज प्रशासन की भूमिका क्या रही।
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