अलवर : रामनवमी के अगले दिन अलवर के राम मंदिर में गंगाजल छिड़ककर “शुद्धिकरण” करने वाले भाजपा के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा को भारतीय जनता पार्टी ने प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। पार्टी ने उन्हें तीन दिन में स्पष्टीकरण देने का निर्देश भी दिया है।
रामनवमी के अवसर पर अलवर की एक सोसायटी के राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह हुआ था, जिसमें दलित नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीकाराम जूली ने पूजा की।
अगले दिन ज्ञानदेव आहूजा ने बयान दिया कि "जिन्होंने भगवान राम के अस्तित्व को नकारा है, उनके आने से मंदिर अपवित्र हुआ", और गंगाजल छिड़ककर शुद्धिकरण किया।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और राजनीतिक भूचाल आ गया।
BJP प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल ने आहूजा को सस्पेंड करते हुए कहा:
"आपका कार्य घोर अनुशासनहीनता में आता है। भाजपा जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव में विश्वास नहीं रखती।"
नोटिस में राम मंदिर आंदोलन का ज़िक्र करते हुए कहा गया:
"पहली शिला एक दलित - कामकेश्वर चौपाल - ने रखी थी। यह पार्टी की समरसता की परंपरा है।"
आहूजा ने यूटर्न लेते हुए कहा:
"मैंने किसी दलित का अपमान नहीं किया। टीकाराम जूली से मेरा व्यक्तिगत कोई विवाद नहीं। मैं कांग्रेस की मानसिकता का विरोध कर रहा था।"
टीकाराम जूली:
"यह मेरी आस्था पर हमला और सामाजिक न्याय का अपमान है।"
अशोक गहलोत:
"21वीं सदी में ऐसी मानसिकता अस्वीकार्य है।"
गोविंद सिंह डोटासरा:
"BJP दलितों से इतनी नफरत क्यों करती है?"
कांग्रेस ने इसे दलित स्वाभिमान से जोड़कर राज्यभर में विरोध की घोषणा की है।
अलवर से विरोध की शुरुआत हो चुकी है।
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