जोधपुर : ग्रामीण पुलिस के लिए शर्मिंदगी का कारण बना पीपाड़ थाने से जब्त मादक पदार्थों के नष्टीकरण के दौरान हुआ खुलासा, जिसमें 43 किलो डोडा-पोस्त की जगह अरंडी का कचरा पाया गया। इस चौंकाने वाले मामले में हेड कांस्टेबल लियाकत और एएसआई श्रवणराम जाखड़ को निलंबित कर दिया गया है।
पुलिस लाइन दईजर में जब्त मादक पदार्थों को नष्ट करने के लिए पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में गठित नष्टीकरण कमेटी ने जैसे ही कट्टे खोले, उनमें से अरंडी का कचरा निकला। इस पर कमेटी ने तुरंत उच्चाधिकारियों को सूचना दी और पूरे मामले की जांच शुरू हुई।
सूत्रों के मुताबिक, 27 फरवरी को हेड कांस्टेबल लियाकत पीपाड़ थाने से जब्त डोडा-पोस्त को लेकर पुलिस लाइन पहुंचा था। संदेह है कि रास्ते में ही असली डोडा को बदलकर उसमें अरंडी का कचरा भर दिया गया। वहीं, एएसआई श्रवणराम पर आरोप है कि उन्होंने इस गड़बड़ी को छिपाने का प्रयास किया और कमेटी को गुमराह करने की कोशिश की।
सूत्रों के अनुसार, श्रवणराम ने नष्टीकरण कमेटी से कहा था कि कट्टों को सीधे जला दिया जाए, किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। लेकिन जब कमेटी ने फिजिकल वेरिफिकेशन किया, तो मामला सामने आ गया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी राममूर्ति जोशी ने तत्काल प्रभाव से लियाकत और श्रवणराम को सस्पेंड कर दिया और एससी/एसटी सेल के डिप्टी एसपी शंकरलाल को जांच सौंप दी गई है। जांच रिपोर्ट जल्द मांगी गई है।
यह घटना मालखानों में जब्त मादक पदार्थों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। क्या ये पहली बार हुआ है या ऐसी घटनाएं पहले भी छिपाई गई हैं? विभागीय जवाबदेही और पारदर्शिता पर भी अब बहस शुरू हो गई है।
इस मामले के बाद एसपी जोशी ने 15 साल से कार्यरत स्पेशल टीम को भंग कर दिया है और एक नई टीम का गठन किया गया है। पुराने स्टाफ पर लगातार उठते सवालों के चलते यह कदम उठाया गया।
यह मामला राजस्थान पुलिस की आंतरिक निगरानी प्रणाली की कमजोरियों को उजागर करता है। डोडा-पोस्त जैसे संवेदनशील मादक पदार्थों की जगह अरंडी का कचरा पाए जाने से यह स्पष्ट है कि सिस्टम में सुधार और पारदर्शिता की सख्त जरूरत है।
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